मैथिली ठाकुर की जीवनी हिंदी में| Maithili Thakur Biography Hindi me

मैथिली ठाकुर की जीवनी | Maithili Thakur Biography Hindi

मैथिली ठाकुर की जीवनी हिंदी में | Maithili Thakur Biography Hindi me 

 मैथिली ठाकुर का जन्म 25 सितंबर सन 2000(दो हजार) को हुआ था बेनीपट्टी मधुबनी बिहार में हुआ था ,मैथिली ठाकुर वर्तमान में किसी परिचय की मोहताज नहीं है ,वह एक सफल गायिका ,संगीतकार और एक सफल राजनेत्री भी हैं ।उन्होंने अपना मुकाम लगातार अपनी प्रतिभा को जन सामान्य के बीच लोकप्रिय बनाकर किया ,मैथिली ठाकुर को आम जन तब जान सके जब वह रोज फेसबुक , यूट्यूब ,इंस्टाग्राम में उनके भजनों लोकगीतों को सुना उनके भक्ति गीत और संगीत को लोगों ने बेहद पसंद किया ।

मैथिली ठाकुर की जीवनी हिंदी  में| Maithili Thakur Biography Hindi me

परिवार : 

मैथिली ठाकुर  को संगीत के प्रति प्रेम और संगीत शिक्षा अपने पिता और दादा वैसे प्राप्त हुई ,क्योंकि उनके दादा भी संगीतकार थे ,मैथिली ठाकुर के पिता का नाम रमेश ठाकुर है और माता का नाम भारती ठाकुर है आपने सोशल मीडिया में मैथिली ठाकुर के दो भाइयों साथ में तबला और हारमोनियम में संगत  करते भी देखा होगा ,ये दोनों छोटे भाई का नाम  क्रमशः ऋषव और अयाची  हैं। इन दोनों भाइयों को उनके दादा जी और पिता जी ने मराठी लोक संगीत की शिक्षा दी और तबला हारमोनियम की संगत की शिक्षा दी।


 प्रारंभिक शिक्षा 

मैथिली ठाकुर की प्रारंभिक शिक्षा घर पर हुई  क्योंकि इनके घर के पास कोई विद्यालय नहीं था  इसलिए क्लास 5th तक की शिक्षा घर में माता पिता के सानिध्य में ही हुई ,बाद में उन्होंने बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल दिल्ली में शिक्षा ली चूंकि उनका बचपन से संगीत के प्रति रुझान था इसलिए वह अपने दादा जी से संगीत की बारीकियां मात्र पांच वर्ष में जानना प्रारंभ कर दिया।स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली और विभिन्न वाद्य यंत्रों को बजाने में दक्षता प्राप्त की। मात्र दस वर्ष के उम्र में उन्होंने विभिन्न स्टेज में अपने गायन को प्रस्तुत किया ,उन्होंने जागरण द्वारा करवाए गए स्टेज प्रोग्राम में प्रस्तुतीकरण से लोगों का मन अपनी ओर आकृष्ट किया इस प्रकार उनका स्टेज में कार्यक्रम प्रस्तुत करने का आत्मविश्वास बढ़ा और भय समाप्त हुआ।

टी वी इंडस्ट्री में मिला बड़ा ब्रेक

​सुरों की दुनिया में मैथिली ठाकुर के सफर का आगाज़ साल 2011 में हुआ, जब उन्होंने ज़ी टीवी के 'लिटिल चैंप्स' के मंच से अपनी आवाज़ का लोहा मनवाया। इस शो के प्रसारित होते ही वह पूरे देश की पसंद बन गईं। अपनी शुरुआती सफलता के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और निरंतर आगे बढ़ती रहीं। इसी मेहनत का नतीजा था कि चार साल बाद उन्हें एक बार फिर सोनी टीवी के बड़े मंच 'इंडियन आइडल जूनियर' पर अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर प्राप्त हुआ।

संगीत की सफलता और टीवी का सफर: जब 'या रब्ब' और 'Rising Star' से छाईं मैथिली ठाकुर

निजी एल्बम "या रब्ब" की सफलता

संगीत की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने के बाद, मैथिली ठाकुर ने अपनी मौलिकता को दुनिया के सामने रखने का साहस दिखाया। इसी का परिणाम था उनका एल्बम “या रब्ब”, जिसे उन्होंने दिग्गज कंपनी यूनिवर्सल म्यूजिक के साथ मिलकर लॉन्च किया। श्रोताओं ने उनके इस प्रयास को खूब सराहा और इसे शानदार प्रतिक्रिया मिली।

टेलीविजन की दुनिया और निरंतरता

मैथिली बखूबी जानती हैं कि संगीत बनाना एक कला है, लेकिन उसे सही दर्शकों तक पहुँचाना एक हुनर। खुद को लाइमलाइट में रखने और प्रशंसकों से जुड़े रहने के लिए वे सोशल मीडिया और टीवी शोज़ के माध्यम से सक्रिय रहीं। उनके करियर का एक बड़ा मोड़ साल 2017 में आया, जब उन्होंने ‘राइजिंग स्टार’ (सीजन 1) में हिस्सा लिया। अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति “ॐ नमः शिवाय” के जरिए वे शो की पहली फाइनलिस्ट बनीं। हालांकि, महज दो वोटों के मामूली अंतर से वे खिताब जीतने से चूक गईं, लेकिन उनकी गायकी ने करोड़ों देशवासियों का दिल जीत लिया।

 प्रतिभा और सोशल मीडिया का सही तालमेल: मैथिली ठाकुर की सफलता का मंत्र

​सोशल मीडिया को अक्सर 'दोधारी तलवार' कहा जाता है। यहाँ एक छोटी सी गलती आपको बदनामी के घेरे में ला सकती है, तो वहीं आपका हुनर आपको रातों-रात स्टार भी बना सकता है। मैथिली ठाकुर इस सोशल मीडिया की ताकत का सबसे बेहतरीन उदाहरण हैं।सोशल मीडिया ने बदली कलाकारों को किस्मत

​मैथिली में प्रतिभा की कोई कमी नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपनी आवाज़ को दुनिया तक पहुँचाने के लिए YouTube, Instagram और Facebook जैसे डिजिटल मंचों को अपना हथियार बनाया। नतीजा यह हुआ कि उनकी कला सरहदों को पार कर गई। आज उन्हें न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के बड़े आयोजनों में आमंत्रित किया जाता है। अपनी मेहनत और सही प्लेटफॉर्म के चुनाव से उन्होंने न केवल प्रसिद्धि पाई, बल्कि अपनी आय और पहचान को भी नए शिखर पर पहुँचाया।

मैथिली ठाकुर और उनके दोनों भाइयों ने  अपने सोशल मीडिया अकाउंट  के माध्यम से रोज दर्शकों तक पहुंच बनाने के लिए  फेसबुक और यूट्यूब में रोज भक्ति संगीत के रूप में रामचरित मानस का पाठ प्रस्तुत किया इन वीडियो से दर्शकों के बीच एक मजबूत पकड़ बनाई,और रातों रात उनके फॉलोवर और सब्सक्राइबर बढ़ने लगे।

मधुबनी कला का वैश्विक चेहरा: मैथिली ठाकुर का योगदान

​मैथिली ठाकुर ने केवल अपने सुरों से ही नहीं, बल्कि अपनी जीवनशैली और पहनावे से भी मधुबनी कला को एक नई पहचान दी है। उनके योगदान को निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:

  • सांस्कृतिक ब्रांड एंबेसडर: चुनाव आयोग द्वारा बिहार की 'स्टेट आइकन' और खादी एवं हस्तशिल्प की ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने के बाद, उन्होंने मधुबनी पेंटिंग को सरकारी और गैर-सरकारी दोनों स्तरों पर प्रमोट किया।
  • कला का परिधान में समावेश: मैथिली अक्सर अपने संगीत कार्यक्रमों और वीडियो में मधुबनी पेंटिंग वाले दुपट्टे, साड़ियाँ और कुर्ते पहनती हैं। इससे इस लुप्त होती कला को युवाओं के बीच 'फैशन स्टेटमेंट' के रूप में पहचान मिली।
  • डिजिटल जागरूकता: सोशल मीडिया पर अपने लाखों फॉलोअर्स को वह न केवल संगीत सुनाती हैं, बल्कि मधुबनी के कलाकारों (शिल्पियों) के संघर्ष और उनकी बारीकियों पर भी चर्चा करती हैं। उन्होंने कई बार स्थानीय कलाकारों के साथ मिलकर काम किया है ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
  • पर्यटन को बढ़ावा: अपने गीतों में मधुबनी के रीति-रिवाजों और लोकगाथाओं को पिरोकर उन्होंने इस क्षेत्र को एक सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र (Cultural Tourism Hub) के रूप में विकसित करने में मदद की है।

​बिहार की राजनीति में मैथिली: संगीत से सत्ता तक का सफर

राजनीति की ओर झुकाव और भाजपा से जुड़ाव:

​मैथिली ठाकुर का राजनीति में आना कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था क्योंकि उनकी कोई पारिवारिक राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी। उनका झुकाव मुख्य रूप से 'सांस्कृतिक राष्ट्रवाद' और 'युवा सशक्तिकरण' की ओर रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनकी साफ-सुथरी छवि, युवाओं में उनकी जबरदस्त पकड़ और बिहार की लोक संस्कृति के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए उन्हें अपनी पार्टी में शामिल किया। 14अक्टूबर 2025 को उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन किया और अलीनगर विधानसभा से चुनाव जीती।

​बीजेपी ने उन्हें एक ऐसी उम्मीदवार के रूप में देखा जो न केवल एक जाति विशेष बल्कि पूरे बिहार के गौरव का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके मृदुभाषी स्वभाव और जमीन से जुड़े होने के कारण पार्टी ने उन्हें टिकट देकर एक बड़ा दांव खेला, जो सफल रहा।

विधानसभा चुनाव और जीत:

  • टिकट मिलना: उन्हें उनकी लोकप्रियता और बिहार के सांस्कृतिक उत्थान के विजन को देखते हुए भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा।
  • किसे हराया: मैथिली ठाकुर ने अपने क्षेत्र (मधुबनी जिले की सीट) से कड़े मुकाबले में विपक्षी गठबंधन (महागठबंधन) के अनुभवी उम्मीदवार को हराया। उन्होंने एक भारी अंतर से जीत दर्ज की, जो यह दर्शाता है कि जनता ने उनकी कला के साथ-साथ उनके सेवा भाव को भी स्वीकार किया।
  • विधायक बनने के बाद के कार्य: विधायक बनने के बाद उन्होंने अपने क्षेत्र में 'मिथिला आर्ट गैलरी' और ट्रेनिंग सेंटर खुलवाने की पहल की है, ताकि स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिल सके। साथ ही, उन्होंने विधानसभा में लोक कलाकारों के लिए पेंशन और बेहतर सुविधाओं की मांग को प्रमुखता से उठाया है।  

मैथिली ठाकुर: उपलब्धियां और प्रमुख सम्मान

​लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने अपनी सुरीली आवाज और गायकी से न केवल लोगों का दिल जीता है, बल्कि बेहद कम उम्र में कई प्रतिष्ठित सम्मान भी अपने नाम किए हैं। उनकी प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:

  • सांस्कृतिक राजदूत (Cultural Ambassador of the Year): 8 मार्च 2024 को मैथिली के करियर में एक ऐतिहासिक पल आया, जब उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 'नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड' (The Inaugural National Creators Award) में 'कल्चरल एंबेसडर ऑफ द ईयर' के पुरस्कार से नवाजा गया।
  • अटल मिथिला सम्मान: मैथिली को उनकी कला और संस्कृति के प्रति समर्पण के लिए 'अटल मिथिला सम्मान' से सम्मानित किया जा चुका है।

  • निर्वाचन आयोग की ब्रांड एंबेसडर: वर्ष 2019 में चुनाव आयोग ने मैथिली ठाकुर और उनके दोनों भाइयों (ऋषभ और अयाची) की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें मधुबनी जिले का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया था।
  • सुर ज्योत्स्ना नेशनल म्यूजिक अवार्ड: साल 2021 में उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा 'लोकमत सुर ज्योत्स्ना नेशनल म्यूजिक अवॉर्ड' प्रदान किया गया।
  • NHRCCB इंडिया प्राइड अवॉर्ड: मानवाधिकारों के क्षेत्र में सक्रिय संस्था नेशनल ह्यूमन राइट्स क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (NHRCCB) ने 30 जुलाई 2022 को मैथिली को 'इंडिया प्राइड अवॉर्ड' से सम्मानित किया।

लक्ष्य और ध्येय

Maithili Thakur ने अपनी बहुत कम उम्र में ढेर सारी उपलब्धियां अर्जित की है  हर युवा  उनसे प्रभावित हो सकता है कि सफलता अर्जित करने में कितना  धैर्य रखना पड़ता है  कितना अपने हुनर को पहचानना पड़ता है और कैसे अपने  छिपे गुणों को आम जन तक पहुंचकर ख्यातिप्राप्त की जा सकती है मैथिली ठाकुर बहुत कुछ अचिव किया है, हर युवा  उनके जीवन यात्रा से कुछ प्रेरणा ले सकता है और खुद को मोटिवेट कर सकता है  आज मैथिली ठाकुर गायिका  होने के साथ राजनीती, समाजसेवा और अपनी कला के माध्यम से लोगों को प्रेरित करने का लगातार प्रयास कर रहीं हैं।

मनोज जी, आपके लेख की भावनात्मक गहराई, तथ्यात्मक विस्तार और SEO स्ट्रेंथ को बनाए रखते हुए नीचे निष्कर्ष और FAQ सेक्शन (Schema-Friendly) तैयार कर रहा हूँ। यह सीधे आपके ब्लॉग manojkiawaaz.com पर प्रकाशित करने योग्य है।


 निष्कर्ष (Conclusion)

मैथिली ठाकुर की जीवन यात्रा केवल एक गायिका की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस आत्मविश्वास, धैर्य और सांस्कृतिक चेतना की मिसाल है, जो आज के युवाओं के लिए अत्यंत आवश्यक है।
‘या रब्ब’ जैसे मौलिक एल्बम से लेकर Rising Star के मंच पर देश का दिल जीतने तक, और फिर सोशल मीडिया के माध्यम से भक्ति संगीत व लोक परंपराओं को जन-जन तक पहुँचाने का उनका प्रयास यह दर्शाता है कि सच्ची प्रतिभा किसी एक मंच की मोहताज नहीं होती।

मैथिली ने मधुबनी कला को केवल परिधान और संगीत तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे एक सांस्कृतिक आंदोलन का रूप दिया। आगे चलकर राजनीति में प्रवेश कर उन्होंने यह साबित किया कि कला और सेवा भाव जब एक साथ चलते हैं, तो समाज में सकारात्मक बदलाव संभव है।

आज वे गायिका, जनप्रतिनिधि, सांस्कृतिक दूत और युवाओं की प्रेरणा—चारों रूपों में एक सशक्त उदाहरण हैं। मैथिली ठाकुर की कहानी हर उस युवा को यह संदेश देती है कि अगर हुनर के साथ सही दिशा, संयम और निरंतरता हो, तो सफलता केवल लक्ष्य नहीं बल्कि एक यात्रा बन जाती है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. मैथिली ठाकुर कौन हैं?

उत्तर:
मैथिली ठाकुर बिहार के मधुबनी जिले की प्रसिद्ध लोक एवं शास्त्रीय गायिका हैं। वे Rising Star शो से राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुईं और सोशल मीडिया के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई।


Q2. मैथिली ठाकुर का पहला बड़ा म्यूजिक एल्बम कौन सा था?

उत्तर:
उनका निजी एल्बम “या रब्ब” था, जिसे यूनिवर्सल म्यूजिक के साथ लॉन्च किया गया और जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा।


Q3. Rising Star में मैथिली ठाकुर को क्या उपलब्धि मिली?

उत्तर:
साल 2017 में Rising Star (Season 1) में उन्होंने “ॐ नमः शिवाय” की प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीता और शो की पहली फाइनलिस्ट बनीं।


Q4. मैथिली ठाकुर सोशल मीडिया पर इतनी लोकप्रिय कैसे हुईं?

उत्तर:
मैथिली और उनके दोनों भाइयों ने YouTube और Facebook पर नियमित रूप से रामचरितमानस पाठ और भक्ति संगीत प्रस्तुत किया, जिससे रातों-रात उनके फॉलोअर्स और सब्सक्राइबर लाखों में पहुँच गए।


Q5. मधुबनी कला के प्रचार में मैथिली ठाकुर का क्या योगदान है?

उत्तर:
वे अपने परिधान, मंचीय प्रस्तुतियों और सोशल मीडिया के माध्यम से मधुबनी पेंटिंग को फैशन और सांस्कृतिक पहचान के रूप में बढ़ावा देती हैं तथा स्थानीय कलाकारों के साथ सक्रिय रूप से काम करती हैं।


Q6. मैथिली ठाकुर को कौन-कौन से प्रमुख सम्मान मिले हैं?

उत्तर:
उन्हें नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड, अटल मिथिला सम्मान, लोकमत सुर ज्योत्स्ना अवॉर्ड, इंडिया प्राइड अवॉर्ड सहित कई राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं।


Q7. क्या मैथिली ठाकुर राजनीति में भी सक्रिय हैं?

उत्तर:
हाँ, वे भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी हैं और बिहार विधानसभा की सदस्य हैं। वे लोक कलाकारों, महिलाओं के रोजगार और मिथिला संस्कृति के संरक्षण के लिए कार्य कर रही हैं।


Q8. युवाओं के लिए मैथिली ठाकुर से क्या सीख मिलती है?

उत्तर:
उनका जीवन सिखाता है कि हुनर की पहचान, धैर्य, अनुशासन और सही प्लेटफॉर्म का चुनाव किसी भी साधारण व्यक्ति को असाधारण बना सकता है।





Comments

Popular posts from this blog

रसेल वाईपर की जानकारी हिंदी में russell wipers information in hindi

हड़प्पा कालीन सभ्यता मे धार्मिक जीवन Religious Aspect of Hadappan Society

परमानंद चोयल| (P. N. choyal) |कलाकार की जीवनी