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Showing posts from August 1, 2019

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जीवनी हिंदी में Dheerendra Krishna Shastri Biography Hindi me

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  Dheerendra Krishna Shastri का नाम  सन 2023 में तब भारत मे और पूरे विश्व मे विख्यात हुआ जब  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा नागपुर में कथावाचन का कार्यक्रम हो रहा था इस दौरान महाराष्ट्र की एक संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव उनके द्वारा किये जाने वाले चमत्कारों को अंधविश्वास बताया और उनके कार्यो को समाज मे अंधविश्वास बढ़ाने का आरोप लगाया। लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी संबोधित करते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चमत्कारी शक्तियों के कारण लोंगो के बीच ये बात प्रचलित है कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी के अवतार हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन (Childhood of Dhirendra Shastri)  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म मध्यप्रदेश के जिले छतरपुर के ग्राम गढ़ा में 4 जुलाई 1996 में हिन्दु  सरयूपारीण ब्राम्हण परिवार  में हुआ था , इनका गोत्र गर्ग है और ये सरयूपारीण ब्राम्हण है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है व माता का नाम सरोज गर्ग है जो एक गृहणी है।धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक छोटा भाई भी है व एक छोटी बहन भी है।छोटे भाई का न

इटली का एकीकरण |Unification Of Itli

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     | इटली का एकीकरण|             इटली  की भौगोलिक स्थिति में उसके उत्तर में  आल्पस  पर्वत था वहीं इटली प्रायद्वीप तीन ओर से समुद्र  से  घिरी थी ,इस सब के कारण पूरे इटली के निवासी ख़ुद को एक  ही महसूस करते थे ;क्योंकि उनकी संस्कृति एक थी ;वैसे भी प्राचीन रोमन एम्पायर का गौरव मय  इतिहास इटली वासियों के मस्तिष्क में घूमता रहता था  । यदि हम इटली के एकीकरण के मुख्य कर्णधार कौन कौन थे?, इनके जानने का प्रयास करेंगे तो हमें मेजनी,गैरीबाल्डी,काउंट कावूर का दिखाई देता है।       मेजिनी का योगदान-         मेजनी कौन था इसका इटली के एकीकरण में क्या योगदान था?     वैसे   इटली के नवजवानों में क्रांति के बीज मेजिनी ने बोए थे ;मेजिनी ने अपनी शिक्षा के बाद क्रांति का रास्ता अपनाया ,  वह कार्बोनरी नामक संगठन से जुड़ा जो देशभक्त नवजवानों का संगठन था;उसके  क्रांतिकारी  गतिविधियों के कारण उसे अपना देश छोड़ना पड़ा क्योंकि इसके देश में ऑस्ट्रिया  के तानाशाह राजा मेटरनिख का प्रभाव था ;और मेटरनिख नही चाहता था कि पूरे यूरोप में कहीं भी क्रांति हो क्योंकि मेटरनिख फार्मूला के अनुसार  क्रांति  किसी समस्या क