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Showing posts from September 10, 2019

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जीवनी हिंदी में Dheerendra Krishna Shastri Biography Hindi me

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  Dheerendra Krishna Shastri का नाम  सन 2023 में तब भारत मे और पूरे विश्व मे विख्यात हुआ जब  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा नागपुर में कथावाचन का कार्यक्रम हो रहा था इस दौरान महाराष्ट्र की एक संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव उनके द्वारा किये जाने वाले चमत्कारों को अंधविश्वास बताया और उनके कार्यो को समाज मे अंधविश्वास बढ़ाने का आरोप लगाया। लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी संबोधित करते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चमत्कारी शक्तियों के कारण लोंगो के बीच ये बात प्रचलित है कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी के अवतार हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन (Childhood of Dhirendra Shastri)  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म मध्यप्रदेश के जिले छतरपुर के ग्राम गढ़ा में 4 जुलाई 1996 में हिन्दु  सरयूपारीण ब्राम्हण परिवार  में हुआ था , इनका गोत्र गर्ग है और ये सरयूपारीण ब्राम्हण है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है व माता का नाम सरोज गर्ग है जो एक गृहणी है।धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक छोटा भाई भी है व एक छोटी बहन भी है।छोटे भाई का न

Rule under CrPC151//107/116 and IPC section 323, 324, 325,326, 504,506, लड़ाई झगड़े में होने वाले क़ानूनी मदद

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लड़ाई झगड़े में  होने वाले कानूनी मदद,151/107/116 Cr.p.c. की कार्यवाही Rule under  IPC section 323, 324, 325,326, 504,506 और   Cr.P.C  section 151/107/116 जब पुलिस को लगता है की दो पक्षों में कोई लड़ाई झगड़ा की आशंका है तो पुलिस 107/150 crpc के तहत कार्यवाही  करती है   इसमें  पुलिस दोनों पक्षों को  सिर्फ नोटिस भेजती है।  इस नोटिस में विवाद की शिकायत होती है साथ में मजिस्ट्रेट उससे विवाद के लिए अभियुक्त बनाये जाने की बात लिखी होती है , मजिस्ट्रेट के सामने अभियुक्त यदि अपना अपराध स्वीकार नही करता तो मजिस्ट्रेट उसे जमानत पर  छोड़ता है जमानत नही होने पर मजिस्ट्रेट अभियुक्त को जेल भेज सकता है        और 15 दिन के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने उपस्थित होकर एक बन्ध पत्र भरकर देना होता है कि  वो  एक  वर्ष तक    कोई शांति भंग नही करेगा शांति बनाये रखने को बांड भरकर देता है , चुनाव के समय तो पुलिस गांव में हर व्यक्ति जो  दो तीन साल पूर्व भी लड़ाई झगडे में लिप्त रहा है उसे नोटिस भेज देती है। जिनमे पुलिस को आशंका होती है।  जब किसी दो पक्षों में किसी कारण से विवाद मारपीट हो जाती है या दोनों पक्ष