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Showing posts from January 6, 2021

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

एस एच रजा,सैय्यद हैदर रजा, एक आर्टिस्ट की जीवनी

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            एस .एच .रजा आर्टिस्ट की जीवनी - एस. एच. रजा का जन्म 1922 में मध्यप्रदेश के मण्डला जिले में बावरिया नामक स्थान में  हुआ था इनके पिता  सैय्यद मोहम्मद रजा वन विभाग  में उप वन अधिकारी  (डिप्टी फारेस्ट रेंजर )थे ।  (सैयद हैदर रजा )       पिता के साथ उनको देश के अलग अलग भागों में घूमने का अवसर मिला,जब वो 13 वर्ष के हुए तो उनको दमोह जिले में शिक्षा के लिए आ गए और राजकीय उच्च विद्यालय दमोह में शिक्षा ग्रहण की। हाईस्कूल के बाद उनकी आरंभिक शिक्षा नागपुर में स्कूल ऑफ आर्ट (1939-43) में श्री अठावले कला अध्यापक के निर्देशन में हुई। तत्पश्चात वो अत्यंत संघर्ष के बाद जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स में प्रवेश लिया और यहां 1943-1947 तक कला में प्रशिक्षण लिया और कला का डिप्लोमा प्राप्त किया।       इसके पश्चात मुम्बई में रहकर वहां के गलियों ,घरों के दृश्य चित्र बनाने लगे।        1947 में भारत पाकिस्तान विभाजन के  समय इनकी माता पिता का निधन मंडला में हो गया ,इसके बाद रजा के भाई और बहन अपने परि...

R A W का फुल फॉर्म क्या है?RAW का क्या काम है ?

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  RAW का फुल फॉर्म है-Reserch And Analysis Wing RAW का  फुल फॉर्म  रिसर्च एंड एनालिसिस विंग है।  RAW भारत की प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है। रॉ एजेंसीय के निर्माण से पूर्व विदेशी डेटा को एकत्र करने का कार्य आई .बी . करती थी। 1962 में भारत-चीन युद्ध में भारत के हार के बाद तत्कालीन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एक सक्रिय गुप्तचर एजेंसीय के निर्माण पर बल दिया और 1965 में भारत-पाक युद्ध के बाद भारतीय थल सेना सचिव जयंत नाथ चौधरी ने अधिक जानकारी एकत्र करने की जरूरत बताई जो युद्ध के पूर्व और युद्ध के समय पड़ोसी देश की सही जानकारी देता रहे अतः भारत सरकार को एक ऐसी गुप्तचर एजेंसीय के निर्माण की जरूरत हुई जो लगातार विदेशों में और मुख्यता पड़ोसी देशों से सैन्य और राजनीतिक टेररिस्ट संगठनों की जानकारी सक्षमता से दे सके। 【 RAW का लोगो】    1968 में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ये निश्चित किया गया कि पूर्णतयः अलग सुरक्षा संस्था की जरूरत है।   RAW का गठन सितंबर 1968 में नई दिल्ली, भारत में प्रधान कार्यालय के साथ रामेश्वर नाथ का...