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Showing posts from January 6, 2021

CRPC बनाम BNSS 2023: जूनियर डिवीजन कोर्ट के लिए महत्वपूर्ण धाराओं का तुलनात्मक विश्लेषण

  CRPC बनाम BNSS 2023: जूनियर डिवीजन कोर्ट के लिए महत्वपूर्ण धाराओं का तुलनात्मक विश्लेषण भूमिका: क्यों जरूरी है BNSS 2023 की समझ? भारत की आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), जो दशकों से देश की न्याय प्रणाली की रीढ़ थी, को अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 से प्रतिस्थापित किया गया है। इसके साथ ही भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 ने IPC की जगह ली है। जूनियर डिवीजन कोर्ट में कार्यरत अधिवक्ताओं के लिए यह बदलाव विशेष महत्व रखता है , क्योंकि यहाँ पुलिस कार्यवाही, गिरफ्तारी, जमानत, चार्जशीट, समन, और मुकदमे की सुनवाई जैसे मामलों से जुड़ी प्रक्रियाएं अधिक सक्रिय रूप से सामने आती हैं। 1. पुलिस कार्यवाही और गिरफ्तारी से जुड़े प्रावधान पुरानी CrPC धारा BNSS 2023 धारा विषय मुख्य परिवर्तन 41 35 बिना वारंट गिरफ्तारी 7 वर्ष से कम सजा वाले मामलों में गिरफ्तारी के लिए सख्त शर्तें 41A 35(2) सूचना जारी करना गिरफ्तारी से पूर्व सूचना आवश्यक 41B 36 गिरफ्तारी की प्रक्रिया गिरफ्तारी में पारदर्शिता बढ़ाई गई 41D 39 वकील से मिलने का अधिकार अधिवक्ता की भूमिका क...

एस एच रजा,सैय्यद हैदर रजा, एक आर्टिस्ट की जीवनी

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            एस .एच .रजा आर्टिस्ट की जीवनी - एस. एच. रजा का जन्म 1922 में मध्यप्रदेश के मण्डला जिले में बावरिया नामक स्थान में  हुआ था इनके पिता  सैय्यद मोहम्मद रजा वन विभाग  में उप वन अधिकारी  (डिप्टी फारेस्ट रेंजर )थे ।  (सैयद हैदर रजा )       पिता के साथ उनको देश के अलग अलग भागों में घूमने का अवसर मिला,जब वो 13 वर्ष के हुए तो उनको दमोह जिले में शिक्षा के लिए आ गए और राजकीय उच्च विद्यालय दमोह में शिक्षा ग्रहण की। हाईस्कूल के बाद उनकी आरंभिक शिक्षा नागपुर में स्कूल ऑफ आर्ट (1939-43) में श्री अठावले कला अध्यापक के निर्देशन में हुई। तत्पश्चात वो अत्यंत संघर्ष के बाद जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स में प्रवेश लिया और यहां 1943-1947 तक कला में प्रशिक्षण लिया और कला का डिप्लोमा प्राप्त किया।       इसके पश्चात मुम्बई में रहकर वहां के गलियों ,घरों के दृश्य चित्र बनाने लगे।        1947 में भारत पाकिस्तान विभाजन के  समय इनकी माता पिता का निधन मंडला में हो गया ,इसके बाद रजा के भाई और बहन अपने परि...

R A W का फुल फॉर्म क्या है?RAW का क्या काम है ?

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  RAW का फुल फॉर्म है-Reserch And Analysis Wing RAW का  फुल फॉर्म  रिसर्च एंड एनालिसिस विंग है।  RAW भारत की प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है। रॉ एजेंसीय के निर्माण से पूर्व विदेशी डेटा को एकत्र करने का कार्य आई .बी . करती थी। 1962 में भारत-चीन युद्ध में भारत के हार के बाद तत्कालीन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एक सक्रिय गुप्तचर एजेंसीय के निर्माण पर बल दिया और 1965 में भारत-पाक युद्ध के बाद भारतीय थल सेना सचिव जयंत नाथ चौधरी ने अधिक जानकारी एकत्र करने की जरूरत बताई जो युद्ध के पूर्व और युद्ध के समय पड़ोसी देश की सही जानकारी देता रहे अतः भारत सरकार को एक ऐसी गुप्तचर एजेंसीय के निर्माण की जरूरत हुई जो लगातार विदेशों में और मुख्यता पड़ोसी देशों से सैन्य और राजनीतिक टेररिस्ट संगठनों की जानकारी सक्षमता से दे सके। 【 RAW का लोगो】    1968 में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ये निश्चित किया गया कि पूर्णतयः अलग सुरक्षा संस्था की जरूरत है।   RAW का गठन सितंबर 1968 में नई दिल्ली, भारत में प्रधान कार्यालय के साथ रामेश्वर नाथ का...