Posts

Showing posts from May 20, 2021

केमिकल सेक्टर में निवेश की पीड़ा और संभावना: एक निवेशक की सीख और वैश्विक विश्लेषण"

"केमिकल सेक्टर में निवेश की पीड़ा और संभावना: एक निवेशक की सीख और वैश्विक विश्लेषण" भूमिका: जब आँकड़े से ज़्यादा भावनाएं बोलती हैं 15 नवंबर 2023 को जब मैंने UPL के 14 शेयर ₹678 प्रति शेयर की दर से खरीदे, तब मन में आशा थी—परिणाम मिला निराशा। दो साल तक घाटा सहना पड़ा, शेयर ₹400 तक गिरा, और धैर्य की परीक्षा होती रही। आरती इंडस्ट्रीज़ में निवेश किया तो ₹735 पर खरीदकर देखते ही देखते शेयर ₹437 तक लुढ़क गया। ₹29,000 का घाटा झेलना आसान नहीं था। सुदर्शन केमिकल भी मेरे भरोसे को नहीं सहेज सका—₹1218 की खरीद, और अप्रैल 2025 तक सिर्फ ₹1081। पर क्या सिर्फ मेरे फैसले गलत थे? या कुछ बड़ा, वैश्विक खेल भी चल रहा था? केमिकल सेक्टर क्यों गिरा? वैश्विक और घरेलू कारणों की पड़ताल 1. चीन की नीतियाँ और वैश्विक डंपिंग का खेल चीन विश्व का सबसे बड़ा केमिकल निर्यातक है। वह सरकार से सब्सिडी लेकर सस्ते में केमिकल बनाता है और फिर उन्हें दुनिया भर के बाजारों में डंप करता है – मतलब लागत से भी कम दाम पर बेचता है। दक्षिण अमेरिका , अफ्रीका , और यूरोप के कई छोटे देशों में उसने भारतीय उत्पादों की मा...

कोरोना दूसरी लहर |एक आर्टिकल

Image
      कोरोना की दूसरी लहर -एक लेख भारत मे कोरोना की दूसरी लहर का आगाज़  साल 2021  में होली के समय  मार्च महीने  से होना शुरु को हुआ सबसे पहले पूरे महाराष्ट्र को गिरफ़्त में ले लिया,फिर धीरे धीरे  दिल्ली ,मध्यप्रदेश,गुजरात बंगाल ,उत्तरप्रदेश, बिहार ,कर्नाटक आदि में कोरोना ने अपना विस्तार कर लिया,दिल्ली में तो चौथी लहर है ,वहां पर रोज एक 800 रोगी मरने लगे। शहर में हाहाकर मच गया ,अस्पताल में जगह नहीं थी, लोग बाहर ही मर रहे थे अस्पताल जाते जाते या अस्पताल में ऑक्सीजन के आभाव में या फिर एक दो दिन भर्ती होने के बाद सारे ऑर्गन फेल होने पर  रोगी की मृत्यु हो जा रही थी ,लोगों के मरने के बाद रत्ती भर जगह नहीं बच रही थी श्मशान घरों में मृतक के शरीर को जलाने के लिए । एक चिता ठंढी नहीं हो पाती थी कि दूसरे डेड बॉडी को भी उसी जगह जला दिया जाता था , लगातार जलती चिताओं को देख कर सारी दिल्ली और सारा देश कांप उठा था कि हे भगवान! कैसी विपदा आ गई इस देश में।  दिल्ली के आसपास सैकड़ों गांव हैं जो समृद्धिशाली हैं  जहां अस्पतालों के आभाव है वहां के लोगों ने खु...