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Showing posts from March 23, 2025

केमिकल सेक्टर में निवेश की पीड़ा और संभावना: एक निवेशक की सीख और वैश्विक विश्लेषण"

"केमिकल सेक्टर में निवेश की पीड़ा और संभावना: एक निवेशक की सीख और वैश्विक विश्लेषण" भूमिका: जब आँकड़े से ज़्यादा भावनाएं बोलती हैं 15 नवंबर 2023 को जब मैंने UPL के 14 शेयर ₹678 प्रति शेयर की दर से खरीदे, तब मन में आशा थी—परिणाम मिला निराशा। दो साल तक घाटा सहना पड़ा, शेयर ₹400 तक गिरा, और धैर्य की परीक्षा होती रही। आरती इंडस्ट्रीज़ में निवेश किया तो ₹735 पर खरीदकर देखते ही देखते शेयर ₹437 तक लुढ़क गया। ₹29,000 का घाटा झेलना आसान नहीं था। सुदर्शन केमिकल भी मेरे भरोसे को नहीं सहेज सका—₹1218 की खरीद, और अप्रैल 2025 तक सिर्फ ₹1081। पर क्या सिर्फ मेरे फैसले गलत थे? या कुछ बड़ा, वैश्विक खेल भी चल रहा था? केमिकल सेक्टर क्यों गिरा? वैश्विक और घरेलू कारणों की पड़ताल 1. चीन की नीतियाँ और वैश्विक डंपिंग का खेल चीन विश्व का सबसे बड़ा केमिकल निर्यातक है। वह सरकार से सब्सिडी लेकर सस्ते में केमिकल बनाता है और फिर उन्हें दुनिया भर के बाजारों में डंप करता है – मतलब लागत से भी कम दाम पर बेचता है। दक्षिण अमेरिका , अफ्रीका , और यूरोप के कई छोटे देशों में उसने भारतीय उत्पादों की मा...

भारतीय न्याय संहिता, 2023 बनाम भारतीय दंड संहिता, 1860: एक तुलनात्मक विश्लेषण

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  भारतीय न्याय संहिता, 2023 बनाम भारतीय दंड संहिता, 1860: एक तुलनात्मक विश्लेषण भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में 2023 में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ जब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के स्थान पर लागू किया गया। यह परिवर्तन न केवल कानूनी पेशेवरों के लिए, बल्कि उन व्यक्तियों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो न्यायिक प्रक्रिया में शामिल हैं। इस लेख में, हम बीएनएस और आईपीसी के बीच प्रमुख अंतर, उनके प्रभाव, और नए प्रावधानों का विश्लेषण करेंगे। पृष्ठभूमि भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) ब्रिटिश शासन के दौरान लॉर्ड मैकाले की अध्यक्षता में तैयार की गई थी और 1862 में लागू हुई। यह संहिता भारतीय आपराधिक कानून का मूल आधार बनी रही। हालांकि, समय के साथ, इसमें कई संशोधन किए गए, लेकिन आधुनिक अपराधों और सामाजिक परिवर्तनों को समायोजित करने में यह कुछ हद तक अपर्याप्त रही। भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) को आधुनिक आवश्यकताओं और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। यह संहिता 1 जुलाई 2024 से लागू हुई और इसका उद्देश्य आपराधिक न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी, समाव...

प्रोफेसर देवकीनंदन शर्मा: भारतीय कला के अद्वितीय पक्षी चितेरे। Biography of Devkinandan Sharma

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     प्रोफेसर देवकीनंदन शर्मा: भारतीय कला के  अद्वितीय पक्षी चितेरे Biography of Devkinandan  Sharma  भारत के कला जगत में कई महान कलाकार हुए हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से न केवल देश, बल्कि पूरे विश्व में ख्याति अर्जित की। इन्हीं में से एक नाम है  प्रोफेसर देवकीनंदन शर्मा  का, जो अपनी अनूठी शैली और बेहतरीन चित्रकारी के लिए जाने जाते हैं। प्रोफेसर देवकी नंदन शर्मा प्रारंभिक जीवन और शिक्षा प्रोफेसर देवकीनंदन शर्मा का जन्म एक सामान्य भारतीय परिवार में हुआ था, लेकिन उनका झुकाव शुरू से ही चित्रकला की ओर था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद कला की औपचारिक शिक्षा प्राप्त की। और कला के विभिन्न रूपों का गहनता से समग्र अध्ययन किया। प्रोफेसर देवकीनंदन शर्मा का जन्म 17 अप्रैल 1917 को अलवर, राजस्थान में हुआ था। आप राजस्थान राज्य के वरिष्ठतम चित्रकारों में से एक थे,जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी आर्ट कार्यों में खापा दी। आपके पिता और बाबा अलवर और जयपुर रियासत के प्रतिष्ठित राष्ट्रकवियों में थे। इनके पिता ने इनकी बचपन से चित्रकला में रुचि के कारण जयप...