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Showing posts from November 24, 2019

ए ए अलमेलकर ( A.A Almelkar) की जीवनी एक भारतीय चित्रकला परंपरा के सजग संरक्षक

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  ए. ए. अलमेलकर (A. A. Almelkar) की जीवनी — एक भारतीय चित्रकला परंपरा के सजग संरक्षक परिचय ए. ए. अलमेलकर (A. A. Almelkar) भारतीय कला-जगत की एक ऐसी विलक्षण प्रतिभा थे, जिन्होंने पारंपरिक भारतीय चित्रशैली को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए एक विशिष्ट शैली का विकास किया। उन्होंने भारतीय जीवन, संस्कृति और लोक परंपराओं को अपनी कला का केंद्र बनाया और एक गहरी भारतीयता से भरपूर चित्रशैली को जन्म दिया। प्रारंभिक जीवन पूरा नाम : अरुणा अनंतराव अलमेलकर जन्म :  10 अक्टूबर, 1920  में शोलापुर  महाराष्ट्र में मृत्यु : 1982 में अलमेलकर का जन्म एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें चित्रकला में थी, और सात साल की छोटी सी उम्र  से ही चित्रकारी शुरू कर दी ,इसी रुचि ने उन्हें आगे चलकर भारत के प्रमुख कलाकारों में शामिल किया। शिक्षा : अपने समकालीनों से अलग उन्होंने कम उम्र में ही चित्रकारी शुरू कर दी और खुद की एक अलग कला शैली विकसित की । उनकी चित्रकला शैली अपने समकालीन कलाकारों से कहीं ज्यादा पारंपरिक थे ,उनकी  शैली में लघु चित्र कला का ज्यादा ...

Dengue se kaise bachenडेंगू बुखार के लक्षण और उपचार

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 Dengue se kaise bachenडेंगू बुखार के लक्षण और उपचार डेंगू बुखार क्या है, कब से शुरू हुआ?  डेंगू बुखार क्या है, कब से शुरू हुआ?  डेंगू बुखार का नाम सुनते ही  बड़े बड़ों को भय हो जाता है क्योंकि बीते दस साल में हमने हजारों लोगों को मरते देखा है, गांव के गांव इस बुख़ार से पीड़ित हुआ और बहुत से नवजवान ,बच्चे,बूढ़े इसके गिरफ्त में आये, आज डेंगू  लगभग पूरी दुनिया में अपने मौत का शिकंजा पहुंचा चुका है ,संसार के लगभग 115 देश इस  आपदा के शिकार हैं।      डेंगू के लक्षण का पहला लिखित  वर्णन 1780 में मिलता है, परंतु डेंगू बुख़ार वास्तव में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से  1945 -46  से   विस्तारित होना शुरू  हुआ , फिर धीरे धीरे पूरी दुनिया में आवागमन से फैला और 2010 के बाद ये अधिक देशों में फ़ैल गया , यदि 1945 से 2010 के बीच डेंगू से होने वाली मौत की तुलना करें तो इसमें 35% बृद्धि दर्ज की गई , क्योंकि यदि सामान्य व्यक्ति भी डेंगू प्रभावित क्षेत्र में दस दिन रुक कर वापस आ जाये तो उसको भी डेंगू  होने के चाँस बढ़ जाते है...