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Showing posts from June 11, 2019

शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ

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  – शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ   प्रश्न : क्या ओपन इंटरेस्ट (OI) डेटा से किसी स्टॉक में इंट्राडे खरीदारी का सटीक संकेत उसी दिन सुबह या एक दिन पहले मिल सकता है? उत्तर है : हाँ, लेकिन कुछ शर्तों और विश्लेषण के साथ। 🔍 OI से इंट्राडे में संकेत कैसे मिलते हैं? ओपन इंटरेस्ट का उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग में सपोर्ट-रेजिस्टेंस, ब्रेकआउट, और ट्रेडर सेंटिमेंट को पकड़ने के लिए किया जाता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं: 📈 1. OI और प्राइस मूवमेंट का संयोजन Price OI Interpretation भाव बढ़े बढ़े नया पैसा आ रहा है, ट्रेंड मजबूत Bullish संकेत घटे बढ़े शॉर्ट बिल्ड-अप हो रहा है Bearish संकेत बढ़े घटे शॉर्ट कवरिंग हो रही है Bullish लेकिन अल्पकालिक घटे घटे लॉन्ग अनवाइंडिंग हो रही है Bearish लेकिन अल्पकालिक उदाहरण: अगर किसी स्टॉक में प्री-मार्केट या पहले 15 मिनट में तेजी है और साथ में OI बढ़ रहा है , तो इसका अर्थ है कि ट्रेडर नई लॉन्ग पोजिशन बना रहे हैं – इंट्राडे बाय का संकेत। ⏰ 2. OI का डे...

Raja Ram mohan ray :first indian social reformer

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 राजा राम मोहन राय-- Raja Ram Mohan Ray             मैं आज आपको राजा राम मोहन राय के बारे में बताता हूँ ----/--/----                 राजा राम मोहन राय (raja ram mohan Ray ) की कहानी ब्रिटिश काल की है , जब देश मे मुग़ल काल की संस्कृति ,भाषा,और कुछ प्रशासन भी चल रहा था, परंतु ब्रिटिश का बंगाल में आधिपत्य के बाद ,उन्होंने भारत के संस्कृति में अधिक हस्तक्षेप के बिना व्यापार करने में ही ध्यान लगाया । परंतु अंग्रेजों के आगमन से भारत के लोंगों के बीच आधुनिक उदारवादी विचारों का प्रसार हुआ ,भारत के लोंगों को अपने धर्म की कई बुराइयां दिखाई दीं जो समाज मे जनसामान्य में व्याप्त थी , जैसे स्त्रियों की स्थिति बहुत खराब थी , विधवा महिलाओं की स्थिति नारकीय थी।                    इसी समय राजा राम मोहन राय का जन्म 1774 में बंगाल के हुगली जिले के राधानगर कस्बे में   कुलीन ब्राम्हण  परिवार में  हुआ था , बंगाल के नवाबों ने इनके परिवार की सेवा के कारण इनक...

Young bangal movement at bengal, Henry vivan derozio

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      हेनरी विवियन डेरेज़िओ और उनका बचपन-    हेनरी विवियन डेरेजियो ,का जन्म अप्रैल 1809 में कलकत्ता में हुआ , इनके पिता फ्रांसिस डेरेजियो एक ऐंग्लो इंडियन परिवार से थे, हेनरी विवियन डेरेजीयो का बचपन कलकत्ता में ही बीता,  बचपन से ही तीक्ष्ण दिमाग के धनी थे डेरेजियो,सत्रह वर्ष की उम्र में डेरेजिओ हिन्दू कॉलेज में सहायक प्रधानाचार्य हो गए थे। 1831 से 1826 तक वो हिन्दू कॉलेज  में प्रधानाचार्य रहे,इन्होंने कुछ समय में ही मेधावी और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को अपना अनुयायी बना लिया, ये ऐंग्लो इंडियन  जर्रूर थे ,परंतु इनको अपने देश भारत से बहुत अधिक प्रेम था , इन्होंने राष्ट्रभक्ति की कई कविताएं इंग्लिश में लिखीं , कह सकतें है कि वो एक राष्ट्रवादी कवि थे ।   हेनरी विवियन डेरेज़िओ का यंग बंगाल मूवमेंट---             डेरेजियो ने हिन्दू कॉलेज में शिक्षण कार्य के दौरान छात्रों को पश्चिमी तार्किक ज्ञान,और विज्ञान परक सोंच को बताया  उन्होंने किसी भी बात को आंख मूंद कर विश्वास करने से रोका हर उस बात पर विश्वास कर...