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Showing posts from June 11, 2019

CRPC बनाम BNSS 2023: जूनियर डिवीजन कोर्ट के लिए महत्वपूर्ण धाराओं का तुलनात्मक विश्लेषण

  CRPC बनाम BNSS 2023: जूनियर डिवीजन कोर्ट के लिए महत्वपूर्ण धाराओं का तुलनात्मक विश्लेषण भूमिका: क्यों जरूरी है BNSS 2023 की समझ? भारत की आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), जो दशकों से देश की न्याय प्रणाली की रीढ़ थी, को अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 से प्रतिस्थापित किया गया है। इसके साथ ही भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 ने IPC की जगह ली है। जूनियर डिवीजन कोर्ट में कार्यरत अधिवक्ताओं के लिए यह बदलाव विशेष महत्व रखता है , क्योंकि यहाँ पुलिस कार्यवाही, गिरफ्तारी, जमानत, चार्जशीट, समन, और मुकदमे की सुनवाई जैसे मामलों से जुड़ी प्रक्रियाएं अधिक सक्रिय रूप से सामने आती हैं। 1. पुलिस कार्यवाही और गिरफ्तारी से जुड़े प्रावधान पुरानी CrPC धारा BNSS 2023 धारा विषय मुख्य परिवर्तन 41 35 बिना वारंट गिरफ्तारी 7 वर्ष से कम सजा वाले मामलों में गिरफ्तारी के लिए सख्त शर्तें 41A 35(2) सूचना जारी करना गिरफ्तारी से पूर्व सूचना आवश्यक 41B 36 गिरफ्तारी की प्रक्रिया गिरफ्तारी में पारदर्शिता बढ़ाई गई 41D 39 वकील से मिलने का अधिकार अधिवक्ता की भूमिका क...

Raja Ram mohan ray :first indian social reformer

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 राजा राम मोहन राय-- Raja Ram Mohan Ray             मैं आज आपको राजा राम मोहन राय के बारे में बताता हूँ ----/--/----                 राजा राम मोहन राय (raja ram mohan Ray ) की कहानी ब्रिटिश काल की है , जब देश मे मुग़ल काल की संस्कृति ,भाषा,और कुछ प्रशासन भी चल रहा था, परंतु ब्रिटिश का बंगाल में आधिपत्य के बाद ,उन्होंने भारत के संस्कृति में अधिक हस्तक्षेप के बिना व्यापार करने में ही ध्यान लगाया । परंतु अंग्रेजों के आगमन से भारत के लोंगों के बीच आधुनिक उदारवादी विचारों का प्रसार हुआ ,भारत के लोंगों को अपने धर्म की कई बुराइयां दिखाई दीं जो समाज मे जनसामान्य में व्याप्त थी , जैसे स्त्रियों की स्थिति बहुत खराब थी , विधवा महिलाओं की स्थिति नारकीय थी।                    इसी समय राजा राम मोहन राय का जन्म 1774 में बंगाल के हुगली जिले के राधानगर कस्बे में   कुलीन ब्राम्हण  परिवार में  हुआ था , बंगाल के नवाबों ने इनके परिवार की सेवा के कारण इनक...

Young bangal movement at bengal, Henry vivan derozio

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      हेनरी विवियन डेरेज़िओ और उनका बचपन-    हेनरी विवियन डेरेजियो ,का जन्म अप्रैल 1809 में कलकत्ता में हुआ , इनके पिता फ्रांसिस डेरेजियो एक ऐंग्लो इंडियन परिवार से थे, हेनरी विवियन डेरेजीयो का बचपन कलकत्ता में ही बीता,  बचपन से ही तीक्ष्ण दिमाग के धनी थे डेरेजियो,सत्रह वर्ष की उम्र में डेरेजिओ हिन्दू कॉलेज में सहायक प्रधानाचार्य हो गए थे। 1831 से 1826 तक वो हिन्दू कॉलेज  में प्रधानाचार्य रहे,इन्होंने कुछ समय में ही मेधावी और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को अपना अनुयायी बना लिया, ये ऐंग्लो इंडियन  जर्रूर थे ,परंतु इनको अपने देश भारत से बहुत अधिक प्रेम था , इन्होंने राष्ट्रभक्ति की कई कविताएं इंग्लिश में लिखीं , कह सकतें है कि वो एक राष्ट्रवादी कवि थे ।   हेनरी विवियन डेरेज़िओ का यंग बंगाल मूवमेंट---             डेरेजियो ने हिन्दू कॉलेज में शिक्षण कार्य के दौरान छात्रों को पश्चिमी तार्किक ज्ञान,और विज्ञान परक सोंच को बताया  उन्होंने किसी भी बात को आंख मूंद कर विश्वास करने से रोका हर उस बात पर विश्वास कर...