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Showing posts from May 18, 2020

अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

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अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा प्रारंभिक जीवन और शिक्षा अतुल डोडिया का जन्म 1959 में भारत के मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) शहर में हुआ था। एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में जन्मे अतुल का बचपन साधारण किंतु जीवंत माहौल में बीता। उनका परिवार कला से सीधे जुड़ा नहीं था, परंतु रंगों और कल्पनाओं के प्रति उनका आकर्षण बचपन से ही साफ दिखने लगा था। अतुल डोडिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के स्कूलों में पूरी की। किशोरावस्था में ही उनके भीतर एक गहरी कलात्मक चेतना जागृत हुई। उनके चित्रों में स्थानीय जीवन, राजनीति और सामाजिक घटनाओं की झलक मिलती थी। 1975 के दशक में भारत में कला की दुनिया में नया उफान था। युवा अतुल ने भी ठान लिया कि वे इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएंगे। उन्होंने प्रतिष्ठित सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई से1982 में  बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (BFA) की डिग्री प्राप्त की। यहाँ उन्होंने अकादमिक कला की बारीकियों को सीखा, वहीं भारतीय और पाश्चात्य कला धाराओं का गहरा अध्ययन भी किया। 1989से1990 के साल में, उन्हें École des Beaux-Arts, पेरिस में भी अध्ययन का अवसर मिला।...

अजंता की चित्रकला ..मेरी अजंता यात्रा और उनके गुफाओं के चित्र

  अजंता की यात्रा :: अजंता की चित्रकला अजंता भ्रमण और अजंता की गुफाओं के विश्व प्रसिद्ध चित्र.  सह्याद्रि पर्वतों के उत्तुंग शिखर जो आज भी हरियाली को समेटे है , चारो तरफ पहाड़ ही पहाड़ दिखाई देते है इस मनोरम स्थल को देखते निहारते हुए जब मैं टैक्सी में बैठे बैठे सोंच रहा था इस रमणीक स्थल में 2000 पहले से मौर्य,सातवाहन, वाकाटक ,राष्ट्रकूट जैसे राजवंशों ने अपनी शौर्य  गाथाएं लिखीं ,  मध्य काल में छत्रपति शिवाजी  के पराक्रम और शौर्य की ये वादियां गवाह है ,  एक नाथ तुकाराम और रामदेव जैसे महान संतो के भजन जिनसे समाज में नई चेतना मिली , मेरा मन प्रफुल्लित था इस वीर भूमि और  शांत भूमि में आकर प्रकृति के साथ अठखेलियां खेलते खेलते औरंगाबाद जिले के गांव फरदारपुर में अजंता के पास पहुंचा, टैक्सी वाले ने मुझे एक होटल में पहुँचाया वो बहुत सुविधाजनक तो नही था पर मैंने एक रात बिताने के लिए ठीक ही समझा , अगले दिन हमने एक टैक्सी ली जिसने दो घण्टे के बाद हमे उस तलहटी में पहुँचाया जहां से ऊपर जाना था अजंता गुफ़ा देखने के लिए ,  टैक्सी के ड्राईवर हमे ऊपर तो ले गए पर...