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Showing posts from February 27, 2020

अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

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अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा प्रारंभिक जीवन और शिक्षा अतुल डोडिया का जन्म 1959 में भारत के मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) शहर में हुआ था। एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में जन्मे अतुल का बचपन साधारण किंतु जीवंत माहौल में बीता। उनका परिवार कला से सीधे जुड़ा नहीं था, परंतु रंगों और कल्पनाओं के प्रति उनका आकर्षण बचपन से ही साफ दिखने लगा था। अतुल डोडिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के स्कूलों में पूरी की। किशोरावस्था में ही उनके भीतर एक गहरी कलात्मक चेतना जागृत हुई। उनके चित्रों में स्थानीय जीवन, राजनीति और सामाजिक घटनाओं की झलक मिलती थी। 1975 के दशक में भारत में कला की दुनिया में नया उफान था। युवा अतुल ने भी ठान लिया कि वे इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएंगे। उन्होंने प्रतिष्ठित सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई से1982 में  बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (BFA) की डिग्री प्राप्त की। यहाँ उन्होंने अकादमिक कला की बारीकियों को सीखा, वहीं भारतीय और पाश्चात्य कला धाराओं का गहरा अध्ययन भी किया। 1989से1990 के साल में, उन्हें École des Beaux-Arts, पेरिस में भी अध्ययन का अवसर मिला।...

चन्द्रशेखर आजाद कैसे शहीद हुए उनका अंतिम संस्कार कैसे हुआ

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चन्द्रशेखर आजाद  कैसे शहीद हुए  उनका अंतिम संस्कार कैसे हुआ चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा। उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक सज्जन मेरे पास आये। उन्होंने बताया कि आज़ाद शहीद हो गए हैं और उनके शव को लेने के लिए मुझे इलाहाबाद बुलाया गया है। उसी रात्रि को साढ़े चार बजे की गाडी से मैं  इलाहाबाद  के लिए रवाना हुआ। झूँसी स्टेशन पहुँचते ही एक तार मैंने सिटी मजिस्ट्रेट को दिया कि आज़ाद मेरा सम्बन्धी है, लाश डिस्ट्रॉय न की जाये।   इलाहबाद  पहुँचकर   मैं आनंद भवन पहुँचा तो कमला नेहरू से मालूम हुआ कि शव पोस्टमार्टम के लिए गया हुआ है। मैं सीधा डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के बँगले पर गया वहाँ उन्होंने बताया कि आप पुलिस सुपरिंटेंडेंट से मिल लीजिये। शायद शव   को जला दिया गया होगा। मुझे पता नहीं कि शव कहाँ है, मैं सुपरिंटेंडेंट से मिला तो उन्होंने मुझसे बहुत वाद-विवाद किया। उसके बाद ...