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Showing posts from June 17, 2019

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

Rabindranath Tagore , Poet and Painter

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                                                       : रवींद्र नाथ टैगोर:    रवीन्द्र नाथ टैगोर ( Rabindranath Tagore )   ने कहा है  कि "महीने के बजाए हम पल पल की गिनती करें ,तभी कुछ करने के लिए हमारे पास समय होगा।" रवींद्र नाथ टैगोर (Rabindranath Tagore ) का जन्म कलकत्ता नगर में 7 मई1861 को देवेंद्र नाथ टैगोर के घर मे हुआ, देवेंद्र नाथ टैगोर देश के एक माननीय धार्मिक ,सामाजिक नेता थे, उनके सभी भाई ऊंचे पदों में पदासीन थे, रवींद्र नाथ टैगोर की परवरिश में माता पिता अधिक ध्यान नहीं दे पाए क्योंकि माता हमेशा बीमार रहतीं थीं और पिता उनकी देखभाल के लिए इलाज के लिए बाहर रहते थे ,रवींद्र नाथ का बचपन का अधिकतर समय नौकरों के बीच बीता ,जो रवींद्र को घर मे बन्द कर बाजार चले जाते थे , ये अपनी माता पिता की चौदहवीं संतान थे और भाइयों में सबसे छोटे ,छोटे होने के कारण उनको दब कर रहना पड़ता था , इनकी माता का  नाम सारद...

Subhas Chandra Bose|Biography हिंदी में | Indian national army

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(सुभाष चन्द्र बोस INA साथ) Subhas Chandra Bose|Biography हिंदी मे Subhas Chandra Bose biography  सुभाष चंद्र बोस (1897-1945)       भारत के इतिहास में कुछ क्रांतिकारी नेताओं में यदि यदि भगत सिंह,चंद्र शेखर आज़ाद को याद करते ही सिहरन हो जाती है , उसी तरह सुभाष  चंद्र बोस के नाम सुनते ही उनके तश्वीर को देखते ही अपने आप हाँथ माथे में पहुंचकर  सैल्यूट कर देता है हर भारत के बन्दे को सुभाष चंद्र बोस के लिए अंतरात्मा से सम्मान है ,देश उन्हें "नेता जी "के नाम से जानता है।                                                             कुछ समय पूर्व गुमनामी बाबा के मृत्यु के बाद उनके पास सुभाष बाबू के चश्मे ,कुछ दस्ताबेज ,और परिवार के साथ मिली तश्वीर से लगता है कि वो सुभाष बाबू ही थे ,जो  फैजाबाद में 'भगवानजी' गुमनामी बाबा के नाम से जाने गए, पूरे जीवनकाल किसी से आमने सामने नही मिले,परंतु कुछ उनके परिचि...