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Showing posts from June 17, 2019

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जीवनी हिंदी में Dheerendra Krishna Shastri Biography Hindi me

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  Dheerendra Krishna Shastri का नाम  सन 2023 में तब भारत मे और पूरे विश्व मे विख्यात हुआ जब  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा नागपुर में कथावाचन का कार्यक्रम हो रहा था इस दौरान महाराष्ट्र की एक संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव उनके द्वारा किये जाने वाले चमत्कारों को अंधविश्वास बताया और उनके कार्यो को समाज मे अंधविश्वास बढ़ाने का आरोप लगाया। लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी संबोधित करते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चमत्कारी शक्तियों के कारण लोंगो के बीच ये बात प्रचलित है कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी के अवतार हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन (Childhood of Dhirendra Shastri)  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म मध्यप्रदेश के जिले छतरपुर के ग्राम गढ़ा में 4 जुलाई 1996 में हिन्दु  सरयूपारीण ब्राम्हण परिवार  में हुआ था , इनका गोत्र गर्ग है और ये सरयूपारीण ब्राम्हण है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है व माता का नाम सरोज गर्ग है जो एक गृहणी है।धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक छोटा भाई भी है व एक छोटी बहन भी है।छोटे भाई का न

Rabindranath Tagore , Poet and Painter

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                                                       : रवींद्र नाथ टैगोर:    रवीन्द्र नाथ टैगोर ( Rabindranath Tagore )   ने कहा है  कि "महीने के बजाए हम पल पल की गिनती करें ,तभी कुछ करने के लिए हमारे पास समय होगा।" रवींद्र नाथ टैगोर (Rabindranath Tagore ) का जन्म कलकत्ता नगर में 7 मई1861 को देवेंद्र नाथ टैगोर के घर मे हुआ, देवेंद्र नाथ टैगोर देश के एक माननीय धार्मिक ,सामाजिक नेता थे, उनके सभी भाई ऊंचे पदों में पदासीन थे, रवींद्र नाथ टैगोर की परवरिश में माता पिता अधिक ध्यान नहीं दे पाए क्योंकि माता हमेशा बीमार रहतीं थीं और पिता उनकी देखभाल के लिए इलाज के लिए बाहर रहते थे ,रवींद्र नाथ का बचपन का अधिकतर समय नौकरों के बीच बीता ,जो रवींद्र को घर मे बन्द कर बाजार चले जाते थे , ये अपनी माता पिता की चौदहवीं संतान थे और भाइयों में सबसे छोटे ,छोटे होने के कारण उनको दब कर रहना पड़ता था , इनकी माता का  नाम सारदा देवी था। 1875 में जब टैगोर मात्र 14 वर्ष के थे तभी उनकी माता का देहांत हो गया। इन्ही परिस्थितियों के बीच उनका स्वभाव अंतर्मुख होने लगा और कल्पनाओं में विचरित

Subhas Chandra Bose|Biography हिंदी में | Indian national army

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(सुभाष चन्द्र बोस , आर्मी के साथ) Subhas Chandra Bose biography  सुभाष चंद्र बोस (1897-1945)       भारत के इतिहास में कुछ क्रांतिकारी नेताओं में यदि यदि भगत सिंह,चंद्र शेखर आज़ाद को याद करते ही सिहरन हो जाती है , उसी तरह सुभाष  चंद्र बोस के नाम सुनते ही उनके तश्वीर को देखते ही अपने आप हाँथ माथे में पहुंचकर  सैल्यूट कर देता है हर भारत के बन्दे को सुभाष चंद्र बोस के लिए अंतरात्मा से सम्मान है ,देश उन्हें "नेता जी "के नाम से जानता है।                                                             कुछ समय पूर्व गुमनामी बाबा के मृत्यु के बाद उनके पास सुभाष बाबू के चश्मे ,कुछ दस्ताबेज ,और परिवार के साथ मिली तश्वीर से लगता है कि वो सुभाष बाबू ही थे ,जो  फैजाबाद में 'भगवानजी' गुमनामी बाबा के नाम से जाने गए, पूरे जीवनकाल किसी से आमने सामने नही मिले,परंतु कुछ उनके परिचित गुप्त रूप से उनसे मिलने का दावा करते रहे,वो भी रहस्य था, ये रहस्य बना ही रहा ,सरकार के द्वारा बनाये गए कई आयोग में  भी कोई स्पष्ट जानकारी नही दे सके , कभी देश मे ये सूचना उपलब्ध कराई गई की सरकार द्व