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Showing posts from May 3, 2020

CRPC बनाम BNSS 2023: जूनियर डिवीजन कोर्ट के लिए महत्वपूर्ण धाराओं का तुलनात्मक विश्लेषण

  CRPC बनाम BNSS 2023: जूनियर डिवीजन कोर्ट के लिए महत्वपूर्ण धाराओं का तुलनात्मक विश्लेषण भूमिका: क्यों जरूरी है BNSS 2023 की समझ? भारत की आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), जो दशकों से देश की न्याय प्रणाली की रीढ़ थी, को अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 से प्रतिस्थापित किया गया है। इसके साथ ही भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 ने IPC की जगह ली है। जूनियर डिवीजन कोर्ट में कार्यरत अधिवक्ताओं के लिए यह बदलाव विशेष महत्व रखता है , क्योंकि यहाँ पुलिस कार्यवाही, गिरफ्तारी, जमानत, चार्जशीट, समन, और मुकदमे की सुनवाई जैसे मामलों से जुड़ी प्रक्रियाएं अधिक सक्रिय रूप से सामने आती हैं। 1. पुलिस कार्यवाही और गिरफ्तारी से जुड़े प्रावधान पुरानी CrPC धारा BNSS 2023 धारा विषय मुख्य परिवर्तन 41 35 बिना वारंट गिरफ्तारी 7 वर्ष से कम सजा वाले मामलों में गिरफ्तारी के लिए सख्त शर्तें 41A 35(2) सूचना जारी करना गिरफ्तारी से पूर्व सूचना आवश्यक 41B 36 गिरफ्तारी की प्रक्रिया गिरफ्तारी में पारदर्शिता बढ़ाई गई 41D 39 वकील से मिलने का अधिकार अधिवक्ता की भूमिका क...

सात साल के बच्चे की सोंच और मनोविज्ञान क्या है?

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सात साल के बच्चे की सोंच और मनोविज्ञान क्या है? सात साल के बच्चे का मनोविज्ञान क्या है ?क्या  सोंचता  है ,सात साल का बच्चा! छह साल क्रॉस करने के बाद जब बालक  सातवें साल में प्रवेश करता है तो ,उसके स्वभाव और उसके सोंच में क्या परिवर्तन होते हैं । ये मनोवैज्ञानिक कारण क्या है!                 सात साल क्रॉस करते ही बालक  की  बोल ने और बातचीत करने की क्षमता  में अधिक सुधार होता है  उसके द्वारा बोले जाने वाले शब्द ज्यादा स्पष्ट होते है वो अपने अंदर दस हजार शब्दों को वोकेबुलरी में रखता है उसकी grasping power अधिक होती है वो विभिन्न कार्टून में विभिन्न संवादों की बातों को अक्षरसः बोलने लगता है इस पर किसी दूसरे बन्दे को आश्चर्य भी हो सकता है क्योंकि बच्चा  अब  क्लिष्ट शब्द जो कार्टून का कलाकार बोलता है उसे स्वीकार कर लेता है।               सात साल के   बालक में तार्किक क्षमता का विकास होता है , बालक तुलनात्मक प्रश्न अपने माता पिता से पूंछता है क्योंकि...