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Showing posts from May 3, 2020

अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

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अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा प्रारंभिक जीवन और शिक्षा अतुल डोडिया का जन्म 1959 में भारत के मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) शहर में हुआ था। एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में जन्मे अतुल का बचपन साधारण किंतु जीवंत माहौल में बीता। उनका परिवार कला से सीधे जुड़ा नहीं था, परंतु रंगों और कल्पनाओं के प्रति उनका आकर्षण बचपन से ही साफ दिखने लगा था। अतुल डोडिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के स्कूलों में पूरी की। किशोरावस्था में ही उनके भीतर एक गहरी कलात्मक चेतना जागृत हुई। उनके चित्रों में स्थानीय जीवन, राजनीति और सामाजिक घटनाओं की झलक मिलती थी। 1975 के दशक में भारत में कला की दुनिया में नया उफान था। युवा अतुल ने भी ठान लिया कि वे इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएंगे। उन्होंने प्रतिष्ठित सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई से1982 में  बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (BFA) की डिग्री प्राप्त की। यहाँ उन्होंने अकादमिक कला की बारीकियों को सीखा, वहीं भारतीय और पाश्चात्य कला धाराओं का गहरा अध्ययन भी किया। 1989से1990 के साल में, उन्हें École des Beaux-Arts, पेरिस में भी अध्ययन का अवसर मिला।...

सात साल के बच्चे की सोंच और मनोविज्ञान क्या है?

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सात साल के बच्चे की सोंच और मनोविज्ञान क्या है? सात साल के बच्चे का मनोविज्ञान क्या है ?क्या  सोंचता  है ,सात साल का बच्चा! छह साल क्रॉस करने के बाद जब बालक  सातवें साल में प्रवेश करता है तो ,उसके स्वभाव और उसके सोंच में क्या परिवर्तन होते हैं । ये मनोवैज्ञानिक कारण क्या है!                 सात साल क्रॉस करते ही बालक  की  बोल ने और बातचीत करने की क्षमता  में अधिक सुधार होता है  उसके द्वारा बोले जाने वाले शब्द ज्यादा स्पष्ट होते है वो अपने अंदर दस हजार शब्दों को वोकेबुलरी में रखता है उसकी grasping power अधिक होती है वो विभिन्न कार्टून में विभिन्न संवादों की बातों को अक्षरसः बोलने लगता है इस पर किसी दूसरे बन्दे को आश्चर्य भी हो सकता है क्योंकि बच्चा  अब  क्लिष्ट शब्द जो कार्टून का कलाकार बोलता है उसे स्वीकार कर लेता है।               सात साल के   बालक में तार्किक क्षमता का विकास होता है , बालक तुलनात्मक प्रश्न अपने माता पिता से पूंछता है क्योंकि...