धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जीवनी हिंदी में Dheerendra Krishna Shastri Biography Hindi me

Image
  Dheerendra Krishna Shastri का नाम  सन 2023 में तब भारत मे और पूरे विश्व मे विख्यात हुआ जब  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा नागपुर में कथावाचन का कार्यक्रम हो रहा था इस दौरान महाराष्ट्र की एक संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव उनके द्वारा किये जाने वाले चमत्कारों को अंधविश्वास बताया और उनके कार्यो को समाज मे अंधविश्वास बढ़ाने का आरोप लगाया। लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी संबोधित करते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चमत्कारी शक्तियों के कारण लोंगो के बीच ये बात प्रचलित है कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी के अवतार हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन (Childhood of Dhirendra Shastri)  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म मध्यप्रदेश के जिले छतरपुर के ग्राम गढ़ा में 4 जुलाई 1996 में हिन्दु  सरयूपारीण ब्राम्हण परिवार  में हुआ था , इनका गोत्र गर्ग है और ये सरयूपारीण ब्राम्हण है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है व माता का नाम सरोज गर्ग है जो एक गृहणी है।धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक छोटा भाई भी है व एक...

Kejriwal teesri baar कैसे जीते दिल्ली में।

क्यों जीती तीसरी बार आम आदमी पार्टी??



            दिल्ली की दो करोङ जनता ने आम आदमी को तीसरी  बार सत्ता की चाभी सौंप दी । सारी दिल्ली बोले -लगे रहो केजरीवाल, अच्छे बीते पांच साल !! केजरीवाल का जादू सर चढ़कर बोले केजरीवाल का जलवा सर चढ़कर बोले।
          दिल्ली की जनता ने केजरीवाल पर फिर भरोसा किया , क्योंकि दिल्ली की जनता ने केजरीवाल की लोक लुभावन नीतियों से सीधे प्रभावित हुई ,केजरी ने नगर निगम प्रशासन की तरह काम किया ,  उसने।  हर  जगह CCTV कैमरा लगवाये जिससे अपराधी आसानी से पकड़ आ जाए ,उसने मोहल्ला क्लीनिक खोला ,जिस कुछ कुछ दूरी में बेसिक इलाज के लिए फ्री मोहल्ला क्लीनिक  ने जनता को प्रभावित किया , दिल्ली ट्रांसपोर्ट की बसों  यानि डी. टी. सी की बसों में महिलाओं के लिए फ्री यात्रा की शुरुआत की ,ए सी. और नॉन ए सी बसों के सफ़र के लिए सिंगल जर्नी ट्रैवल पास जारी किया,  बसों में मार्शल व्यवस्था शुरू की जिससे महिलाओं को सुरक्षा मिले यात्रा के समय।     इन सेवा   से महिला वोटर में पकड़ बना लिया ,जुग्गी झोपडी के वोटर जिनमे बाल्मीकि वोटर और पूर्वांचली वोट है उसने केजरीवाल पर इसलिए भरोसा किया क्योंकि फ्री बिजली पानी के मुद्दे ने इनको प्रभावित किया क्योंकि   आम  आदमी पार्टी शुरू से   जानती  थी, कि दिल्ली वासियों को फ्री बिजली पानी के मुद्दे प्रभावित करते हैं, क्योंकि इन जगह में ज्यादातर लोग 200 यूनिट बिजली  ही प्रयोग करते है ,जो फ्री थी ,लोंगों ने तीन महीने से फ्री बजली और पानी का लाभ उठाया।
साउथ डेल्ही जो पास एरिया है वहां की जनता ने केजरीवाल पर भरोसा किया क्योंकि बिजली का बिल कम होने से पास एरिया के लोंगों ने भी केजरी वाल का विरोध नही किया ,20 करोङ के घर से निकलने वाली महिला भी केजरीवाल के लिए दिल से दुआ करती है, क्योंकि हर आदमी सब्जी के साथ फ्री धनिया की इच्छा रखती है।
केजरीवाल ने शिक्षा में बेहतरीन कार्य किया ,शिक्षा का बजट 5 साल में बढ़ा दिया।,शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी विद्यालयों को पब्लिक स्कूल की तर्ज पर सुविधाएँ उपलब्ध करवाई, जिससे ये जनता के बीच सन्देश पहुंचा की केजरीवाल गरीब बच्चों के शिक्षा और उनके भविष्य के लिए चिंतित है।
  केजरीवाल ने बुजुर्ग वोटर्स को लुभाने के लिए फ्री तीर्थ यात्रा की सुविधा दी।
   दिल्ली की जनता ये  भी सोंच रही थी कि यदि भाजपा सरकार बन गई तो ये फ्री सेवा खत्म कर देगी ,जबकि  यदि केजरीवाल फिर आयें तो फ्री सेवा जारी रहेगी।

        नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला नहीं---

पिछले लोकसभा चुनाव में आप को मिली हार का कारण यही था कि केजरीवाल सीधे नरेंद्र मोदी  की आलोचना करते रहे ,वो मोदी विरोधी ख़ेमे में साथ दे रहे थे , जबकि उस समय नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता चरम पर थी ,जनता मोदी के विरोधी का अपना विरोध समझती थी ,पिछले लोकसभा चुनाव के हार से शिक्षा लेते हुए केजरीवाल इस बार प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की कोई आलोचना नही की , बल्कि दिल्ली का चुनाव में अपना विरोध  अमित शाह  और मनोज तिवारी का किया ।

    शाहीन बाग़ मुद्दे से बचे रहे केजरीवाल---

केजरीवाल ने इस बार सधे हुए कदम से प्रचार किया हर विवादस्पद मुद्दे पर टीका टिप्पणी से बचे चाहे वो CAA का मुद्दा हो या NRC या फिर शाहीन बाग़ का आंदोलन ,क्योंकि केजरीवाल जानते थे उनके और उनके किसी मंत्री के एक भी गलत टिप्पड़ी से हवा का रुख भाजपा की तरफ़ जा सकता है , शाहीन मुद्दे के सीधे समर्थन के लिए कोई नेता वहां पर नही गया । केजरीवाल अपने कंपेन में सिर्फ अपने पांच  साल में किये गए विकास की बात करते रहे । मनीष सिसोदिया शुरुआत में जरूर खुलकर शाहीन बाग़ का समर्थन किया परंतु इससे आम आदमी पार्टी की  आलोचना हुई ,जिससे केजरीवाल ने इससे पीछे हट गए बाद में उन्होंने इस सड़क जाम से दुकानदारों व्यापार के नुक्सान और मरीज़ों के एम्बुलेन्स फंसने के कारण  आंदोलन को गलत बताया। परंतु twitter और facebook से वो शाहीन बाग़ का समर्थन भी करते रहे जिससे मुस्लिम्स का वोट अचानक कांग्रेस की तरफ़ नाराज़ होकर न चला जाए। यानि हिन्दू मुस्लिम के हवा के समय हिन्दू का भी वोट लेना है और  मुस्लिम का वोट नही छोड़ना।

     भाजपा नेताओं की ग़लत बयानबाजी  और देरसे प्रचार  --

 भाजपा नेताओं ने प्रचार के दरमियान हिन्दू मुस्लिम मुद्दे ,शाहीन बाग़ को मुद्दा बनाने के चक्कर में केजरीवाल को आतंकी कह दिया आम आदमी की जीत होने पर पाकिस्तान की जीत बता दिया ,पर जनता उनके इस रुख़ से नही बदली क्योंकि जनता को शाहीन बाग़ से बड़ी बात दिल्ली के विकास के कदम दिखे। भाजपा के नेता CCTV कैमरे आदि के संख्या में कम होने कारण कोसते रहे परंतु जनता को केजरीवाल के काम अच्छे  लगते रहे। भाजपा के दिल्ली संगठन ने चुनाव से एक महीने पहले ही प्रचार शुरू किया ,इसके पहले भाजपा के कार्यकर्ता निराश थे , वो भ्रमित थे कि विकास कार्यों का विरोध कैसे करें , बाद में प्रचार करने से आम आदमी पार्टी आगे निकल चुकी थी ,वैसे पहले की विधान सभा में भाजपा की सिर्फ तीन सीट थी ,इसलिए वो ज्यादा बढ़ने की उम्मीद भी नही रखते थे शाहीन बाग़ के मुद्दे से कार्यकर्ता में जोश भरा, लगा की वो भी सत्ता में केजरी वाल को पटखनी देकर दिल्ली की गद्दी में काबिज हो सकते हैं।

    भाजपा के नेताओं का जम घट--

दिल्ली चुनाव कॉम्पैन में भाजपा के 10 कैबिनेट मंत्री और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री को भेजा गया ,   योगी आदित्यनाथ ने कई सभाएं की ,  नितिन गडकरी आये ,  स्मृति इरानी  आईं ,बिहार से नितीश भी प्रचार के लिए आये।इससे हवा का रुख़ थोडा बदलता नजऱ आया   , इसमें भी बहार से आये बीजेपी के नेताओं ने गलियो के चक्कर लगाए ,परंतु लोकल दिल्ली के   नेता विजय गोयल ने कोई  मेहनत नहीं की।

 दिल्ली की जनता ने ये पहले से खुद को तैयार कर लिया था यदि केंद्र में मोदी फिट है तो राज्य में केजरीवाल फिट , भाजपा ने अपना कोई मुख्यमंत्री का चेहरा नही पेश किया इस कारण भी कोई मजबूत नेतृत्व नही मिल सका ,और जनता ने विश्वास नही किया की भाजपा में केजरीवाल के टक्कर के कोई मुख्यमंत्री का  दावेदार है।
 भाजपा  के कार्यकर्त्ता शुरुआत में निराश थे उनको समझ में नहीं आ रहा था कि वो केजरीवाल के बिजली पानी आदि सुविधाओं का बिरोध कैसे करें ,वो केजरीवाल के गलियों में घूमते हुए देखते थे पर कोई विरोध का फार्मूला नहीं था ,जब शाहीन बाग़ मुद्दे को अमित शाह ने लपका और हर कार्यकर्त्ता को शाहीन बाग़ को केजरीवाल के ख़िलाफ़ इशू बनाने को कहा।परंतु केजरीवाल ने उल्टा अमितशाह को गृहमंत्री होने के नाते इस इशू को सॉल्व नही कर पाने में असफल बताया ,केजरीवाल बीजेपी के ट्रैप में नही फंस पाये ,जबकि BJP उनको इस मुद्दे में किसी बयान के लिए उकसा रही थी।

केजरीवाल का दमदार कंपैन--

 आम आदमी पार्टी ने 70 विधान सभा में एक एक विधानसभा को टारगेट करके कंपेन किया, आम आदमी के कार्यकर्त्ता 35 लाख घरों में एक व्यक्ति से मिले और अपने पांच साल के विकास परक कामों को गिनाया जो केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के लिए किया। केजरीवाल स्वयं हाई डाई बेटीक पेशेंट होने के बाद भी हर दिन प्रचार किया,  रोजाना एक बजे तक जगना सुबह पांच बजे उठकर फिर से कैम्पेन में लग जाना उनके मेहनत से 62 सीटों में जीत दर्ज की ,पार्टी ने अपना प्रचार छै माह पूर्व से ही शुरू कर दिया था, हर कार्यकर्त्ता के पास स्पष्ट विज़न था ,अपने मुख्य नेता को आगे रखकर उनके पाँच साल के काम को जनता के सामने रखना। केजरीवाल ने हिन्दू वोट लेने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ , हिन्दुवों को लुभाने के लिए  केजरीवाल किसी मुस्लिम बस्ती में प्रचार के लिए नहीं गए, साथ में सिर्फ चार विधानसभा सीट ही मुस्लिम को दी गईं ।

कांग्रेस का निष्क्रिय होना-----

कांग्रेस पार्टी ने अपनी हार शुरुआत से ही मान ली थी उनके पास राज्य स्तर का कोई संगठन नही बचा दिल्ली में ,उनका थोडा बहुत प्रचार दिल्ली में 15 साल शीला दीक्षित के किये गए विकास कार्यो के आधार पर था ,राहुल गांधी और प्रियंका ने भी सिर्फ एक दो जनसभा की ,यदि कांग्रेस भरपूर ऊर्जा के साथ लड़ती तो हो सकता था आम आदमी का मुस्लिम वोटर  दिकभ्रमित होता और कांग्रेस को वोट करता ,परंतु कांग्रेस का कोर वोट पूरा का पूरा आम आदमी पार्टी को चला गया ,कांग्रेस को सिर्फ 4% वोट ही मिले 67 सीट में जमानत ज़ब्त हो गई , कांग्रेस ने हथियार  लड़ाई से पहले डाल दिए थे और बाइपोलर लड़ाई ही मानकार चुप बैठ गए ,जिससे केजरीवाल के वोट प्रतिशत में  ज़्यादा इजाफ़ा हुआ।

Comments

Popular posts from this blog

नव पाषाण काल का इतिहास Neolithic age-nav pashan kaal

रसेल वाईपर की जानकारी हिंदी में russell wipers information in hindi

Gupt kaal ki samajik arthik vyavastha,, गुप्त काल की सामाजिक आर्थिक व्यवस्था