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Showing posts from November 14, 2019

Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा की जीवनी: छोटे गांव से डिजिटल इंडिया के शिखर तक का सफर

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Paytm  के संस्थापक विजय शेखर शर्मा की जीवनी : छोटे गांव से डिजिटल इंडिया के शिखर तक का सफर ​ भूमिका विजय शेखर शर्मा की यात्रा किसी "अर्श से फर्श तक" (rags-to-riches) वाली कहानी से कम नहीं है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के एक छोटे से शहर से लेकर भारत के सबसे भरोसेमंद डिजिटल भुगतान प्लेटफार्मों में से एक,  Paytm  की स्थापना करने तक का उनका सफर साहस और अटूट महत्वाकांक्षा की मिसाल है। आज वह एक अरबपति उद्यमी हैं और इस बात का जीवित उदाहरण हैं कि यदि दृढ़ संकल्प के साथ पीछा किया जाए, तो कोई भी सपना बड़ा नहीं होता कहते हैं कि "मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।" यह पंक्तियाँ भारत के डिजिटल भुगतान जगत के क्रांतिकारी नायक विजय शेखर शर्मा पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। एक ऐसा व्यक्ति जिसके पास कभी खाने के पैसे नहीं थे, जिसने अपनी हिंदी माध्यम की पृष्ठभूमि के कारण तिरस्कार झेला, लेकिन अपनी जिद के दम पर करोड़ों भारतीयों की जेब में 'डिजिटल बटुआ' (Paytm) पहुँचा दिया। आज हम उनके संघर्ष, सफलता और हालिया चुनौति...

सिन्धु सभ्यता का आर्थिक जीवन,Economic life |Saindhav Period Economy

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::सिंधु सभ्यता में पाई गई बैलगाड़ी की मिट्टी की मूर्ति, जो व्यापार का सूचक है:: सिन्धु सभ्यता का आर्थिक जीवन -------------   कृषि--- ------- ------ ------ सिन्धु सभ्यता की आर्थिक व्यवस्था यद्यपि नगरीय तरह की थी ,परंतु नगरों की स्थापना तभी सम्भव है जब गांव से अतिरिक्त उत्पादन होने लगे, इस अतिरिक्त उत्पादन के लिए कृषि में कुछ नई तकनीक का प्रयोग करने में ही सम्भव है ,कृषि में अतिरेक उत्पादन के लिए मिट्टी उर्वर  होना चाहिए,सिंचाई के साधन हो,खेत की जोताई गहराई से हो सके ,तब खेत मे साल में दो फ़सलें उग सकती हैं, तब अतिरिक्त अनाज से नगरवासियों को भोजन मिल सकता है। सैंधव सभ्यता का व्यापक नगरीकरण  अत्यंत उपजाऊ भूमि की  पृष्ठभूमि में संभव था।        सैंधव सभ्यता में नदियों से जलोढ़ मिट्टी बाढ़ के बाद एकत्र होने से उपजाऊ हो जाती थी ,उस काल मे वर्षा भी अधिक होती थी ,जिससे बिना सिंचाई के ही अधिक फ़सल उगाई जा सकती थी ,सिंचाई के लिए नहरों का प्रमाण नही मिलता,अधिक वर्षा होती थी, जिससे ज्यादा पानी वाली फसलें जैसे धान और कपास भी उगाई जातीं थीं , गेहूँ ...