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Showing posts from November 14, 2019

Jai Vijay sachan comedian। जय विजय सचान कॉमेडियन।Biography

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  जय विजय सचान (Jai Vijay Sachan) कॉमेडियन  जयविजय सचान : जयविजय सचान कॉमेडियन का जन्म उत्तरप्रदेश के हमीरपुर जिले में राठ  कस्बे में हुआ था,जयविजय सचान के पिता रणधीर सचान एक व्यापारी हैं  इनका पूरा नाम जयविजय सिंह सचान है ,जयविजय सचान की माता का नाम संगीता सचान एक ग्रहणी हैं,जयविजय के एक भाई थे जो आपथैलमोलॉजिस्ट थे जिनकी मृत्यु 2017 में एक रोड एक्सीडेंट में हो गई और बहन भी जिनका नाम अलका निरंजन है। जयविजय की हाइट 175 सेंटीमीटर है यानी 5 फीट 9 इंच है।       जयविजय  सचान की प्रारंभिक शिक्षा हमीरपुर जिला के एस.वी.एम.(सरस्वती विद्या मंदिर) इंटर कॉलेज में हुई थी इन्होंने B.A. राजनीतिशास्त्र में और एम.ए.(M.A.)यूरोपियन पॉलिटिक्स बुंदेलखंड विश्विद्यालय से किया  उसके बाद एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ से मास्टर इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन (2009) में किया।          जयविजय सचान भारत में एक चर्चित मिमिक्री आर्टिस्ट हैं ,जो करीब दो सौ फिल्मी और गैर फिल्मी लोगों की आवाज की हुबहू नकल करने नाटकीय प्रस्तुति करण में एक्सपर्ट हैं।वह बच...

सिन्धु सभ्यता का आर्थिक जीवन,Economic life |saindhav period

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::सिंधु सभ्यता में पाई गई बैलगाड़ी की मिट्टी की मूर्ति, जो व्यापार का सूचक है:: सिन्धु सभ्यता का आर्थिक जीवन -------------   कृषि--- ------- ------ ------ सिन्धु सभ्यता की आर्थिक व्यवस्था यद्यपि नगरीय तरह की थी , परंतु नगरों की स्थापना तभी सम्भव है जब गांव से अतिरिक्त उत्पादन होने लगे , इस अतिरिक्त उत्पादन के लिए कृषि में कुछ नई तकनीक का प्रयोग करने में ही सम्भव है ,कृषि में अतिरेक उत्पादन के लिए मिट्टी उर्वर  होना चाहिए,सिंचाई के साधन हो,खेत की जोताई गहराई से हो सके ,तब खेत मे साल में दो फ़सलें उग सकती हैं, तब अतिरिक्त अनाज से नगरवासियों को भोजन मिल सकता है। सैंधव सभ्यता का व्यापक नगरीकरण  अत्यंत उपजाऊ भूमि की  पृष्ठभूमि में संभव था।        सैंधव सभ्यता में नदियों से जलोढ़ मिट्टी बाढ़ के बाद एकत्र होने से उपजाऊ हो जाती थी , उस काल मे वर्षा भी अधिक होती थी , जिससे बिना सिंचाई के ही अधिक फ़सल उगाई जा सकती थी ,  सिंचाई के लिए नहरों का प्रमाण नही मिलता , अधिक वर्षा होती थी, जिससे ज्यादा पानी वाली फसलें जैसे धान और कपास भी उगाई जातीं...