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Showing posts from November 14, 2019

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

सिन्धु सभ्यता का आर्थिक जीवन,Economic life |Saindhav Period Economy

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::सिंधु सभ्यता में पाई गई बैलगाड़ी की मिट्टी की मूर्ति, जो व्यापार का सूचक है:: सिन्धु सभ्यता का आर्थिक जीवन -------------   कृषि--- ------- ------ ------ सिन्धु सभ्यता की आर्थिक व्यवस्था यद्यपि नगरीय तरह की थी ,परंतु नगरों की स्थापना तभी सम्भव है जब गांव से अतिरिक्त उत्पादन होने लगे, इस अतिरिक्त उत्पादन के लिए कृषि में कुछ नई तकनीक का प्रयोग करने में ही सम्भव है ,कृषि में अतिरेक उत्पादन के लिए मिट्टी उर्वर  होना चाहिए,सिंचाई के साधन हो,खेत की जोताई गहराई से हो सके ,तब खेत मे साल में दो फ़सलें उग सकती हैं, तब अतिरिक्त अनाज से नगरवासियों को भोजन मिल सकता है। सैंधव सभ्यता का व्यापक नगरीकरण  अत्यंत उपजाऊ भूमि की  पृष्ठभूमि में संभव था।        सैंधव सभ्यता में नदियों से जलोढ़ मिट्टी बाढ़ के बाद एकत्र होने से उपजाऊ हो जाती थी ,उस काल मे वर्षा भी अधिक होती थी ,जिससे बिना सिंचाई के ही अधिक फ़सल उगाई जा सकती थी ,सिंचाई के लिए नहरों का प्रमाण नही मिलता,अधिक वर्षा होती थी, जिससे ज्यादा पानी वाली फसलें जैसे धान और कपास भी उगाई जातीं थीं , गेहूँ ...