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Showing posts from February 21, 2021

केमिकल सेक्टर में निवेश की पीड़ा और संभावना: एक निवेशक की सीख और वैश्विक विश्लेषण"

"केमिकल सेक्टर में निवेश की पीड़ा और संभावना: एक निवेशक की सीख और वैश्विक विश्लेषण" भूमिका: जब आँकड़े से ज़्यादा भावनाएं बोलती हैं 15 नवंबर 2023 को जब मैंने UPL के 14 शेयर ₹678 प्रति शेयर की दर से खरीदे, तब मन में आशा थी—परिणाम मिला निराशा। दो साल तक घाटा सहना पड़ा, शेयर ₹400 तक गिरा, और धैर्य की परीक्षा होती रही। आरती इंडस्ट्रीज़ में निवेश किया तो ₹735 पर खरीदकर देखते ही देखते शेयर ₹437 तक लुढ़क गया। ₹29,000 का घाटा झेलना आसान नहीं था। सुदर्शन केमिकल भी मेरे भरोसे को नहीं सहेज सका—₹1218 की खरीद, और अप्रैल 2025 तक सिर्फ ₹1081। पर क्या सिर्फ मेरे फैसले गलत थे? या कुछ बड़ा, वैश्विक खेल भी चल रहा था? केमिकल सेक्टर क्यों गिरा? वैश्विक और घरेलू कारणों की पड़ताल 1. चीन की नीतियाँ और वैश्विक डंपिंग का खेल चीन विश्व का सबसे बड़ा केमिकल निर्यातक है। वह सरकार से सब्सिडी लेकर सस्ते में केमिकल बनाता है और फिर उन्हें दुनिया भर के बाजारों में डंप करता है – मतलब लागत से भी कम दाम पर बेचता है। दक्षिण अमेरिका , अफ्रीका , और यूरोप के कई छोटे देशों में उसने भारतीय उत्पादों की मा...

श्री हनुमान चालीसा

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  श्री हनुमान चालीसा दोहा: श्री गुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुर सुधारि। बरनहु रघुवर विमल जसु जो दायक फलु चारु ।। बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौ पवनकुमार। बलबुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेस बिकार।। चौपाई : जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर राम दूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥१॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी कंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुंडल कुँचित केसा ॥२ ॥ हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे काँधे मूँज जनेऊ साजे शंकर सुवन केसरी नंदन तेज प्रताप महा जगवंदन ॥३॥ विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मनबसिया ॥४॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा भीम रूप धरि असुर सँहारे रामचंद्र के काज सवाँरे ॥५॥ लाय सजीवन लखन जियाए श्री रघुबीर हरषि उर लाए रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई ॥६॥ सहस बदन तुम्हरो जस गावै अस कहि श्रीपति कंठ लगावै सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा ॥७॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते कवि कोविद कहि सके कहाँ ते तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा...