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Showing posts from August 12, 2019

अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

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अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा प्रारंभिक जीवन और शिक्षा अतुल डोडिया का जन्म 1959 में भारत के मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) शहर में हुआ था। एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में जन्मे अतुल का बचपन साधारण किंतु जीवंत माहौल में बीता। उनका परिवार कला से सीधे जुड़ा नहीं था, परंतु रंगों और कल्पनाओं के प्रति उनका आकर्षण बचपन से ही साफ दिखने लगा था। अतुल डोडिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के स्कूलों में पूरी की। किशोरावस्था में ही उनके भीतर एक गहरी कलात्मक चेतना जागृत हुई। उनके चित्रों में स्थानीय जीवन, राजनीति और सामाजिक घटनाओं की झलक मिलती थी। 1975 के दशक में भारत में कला की दुनिया में नया उफान था। युवा अतुल ने भी ठान लिया कि वे इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएंगे। उन्होंने प्रतिष्ठित सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई से1982 में  बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (BFA) की डिग्री प्राप्त की। यहाँ उन्होंने अकादमिक कला की बारीकियों को सीखा, वहीं भारतीय और पाश्चात्य कला धाराओं का गहरा अध्ययन भी किया। 1989से1990 के साल में, उन्हें École des Beaux-Arts, पेरिस में भी अध्ययन का अवसर मिला।...

Gupt kaleen sanskrit ,sahity, art -गुप्त काल की संस्कृति ,साहित्य, कला

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            [गुप्त कालीन संस्कृति] Gupt kaleen sanskrit ,sahitya, art  गुप्त काल की संस्कृति ,साहित्य, कला       गुप्त काल का समय  300 ईस्वी से 600 ईस्वी तक रहा है ,इस समय हिन्दू धर्म ग्रन्थो में ,ज्ञान विज्ञान ,कला साहित्य में अत्यधिक उन्नति हुई इसीलिए गुप्तकाल को स्वर्णयुग कहा जाता है।       गुप्त कालीन धर्म . .......  गुप्त काल में धार्मिक दृष्टीकोण से पुनुरुत्थान हुआ  ,इस समय मन्दिरों और मूर्तियॉ बनी, इसी समय पौराणिक धर्म  हिंदू धर्म की स्थापना हुई,इस समय वैष्णव धर्म प्रधान धर्म बन गया ,अधिकांश गुप्त सम्राटों ने इसी धर्म को अपनाया और स्वयं  स्वयं परम भागवत की उपाधि धारण की तथा अपने सिक्कों पर शंख ,चक्र ,गदा ,पद्म , गरुण और लक्ष्मी  की आकृतियां बनवाईं,    गुप्त शासकों  के संरक्षण  के कारण ही  वैष्णव धर्म  न  केवल भारत तक रहा बल्कि ये पूरे दक्षिण पूर्व एशिया , कंबोडिया ,इंडोनेशिया तक फ़ैल गया। विष्णु की अनेक मूर्तियां बनीं अनेक मन्दिर बनें , विष...