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Showing posts from August 13, 2019

Body Fitness Exercise बॉडी फिटनेस एक्सरसाइज

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   मित्रों आज मैं आपको अपनी बॉडी के फिटनेस के लिए कुछ एक्सरसाइज बताने जा रहा हूँ ,जिससे आप न केवल शारीरिक रूप से फिट रहेंगे बल्कि आपके मसल्स भी मजबूत होंगे ,जरूरी नहीं कि आप जिम जाकर ही अपने फ़िटनेस को मेनटेन करें ,बल्कि घर मे रहकर नियमित एक्सरसाइज से आप खुद को न केवल दिन भर के लिए एनरजेटिक बना सकते हो ,बल्कि आप  अपने शरीर को सुडौल भी बना सकते हो और शरीर को स्फूर्तिवान बना सकते हो। 1-दौड़(RUN) आपके लिए दौड़ आपके शरीर की सम्पूर्ण एक्सरसाइज मुख्य भाग है , एक बार यदि 100 मीटर की दौड़ भी तेजी से लगा लेते हो तो आप के ब्लड का पूरा सर्कुलेशन एक बार मे तेजी से हो जाता है ,जिससे आपके सारे आंतरिक ऑर्गन में पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंच जाती है। जिसके कारण  व्यक्ति की इम्युनिटी पावर में  बृद्धि होती है ,बल्कि शरीर के Bones भी मजबूत होते हैं Running या दौड़ लगाना शरीर को फिट रखने का एक बेहतरीन उपाय है ,यह आपके शरीर के प्रत्येक ऑर्गन को स्वस्थ रखता है ,यदि आप प्रतिदिन आधा घण्टा ही जॉगिंग करने और दौड़ने में लगाते हैं तो आप खुद को कई जानलेवा रोग से बचाते है ,इन रोगों का जन्म तब होता है जब ...

Gupt kaal ki samajik arthik vyavastha,, गुप्त काल की सामाजिक आर्थिक व्यवस्था

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  गुप्त काल की सामाजिक आर्थिक व्यवस्था-- ---------- Socio-economic system of the Gupta period---------- Gupt kaal ki samajik arthik vyavastha,गुप्त काल की सामाजिक आर्थिक व्यवस्था--         गुप्त कालीन सामाजिक व्यवस्था :  गुप्त काल में पहले से चली आ रही वर्ण व्यवस्था ही थी ,सभी वर्ण के कार्यों का विभाजन था,जातियाँ  इतनी नही थीं जैसे आज है परंतु आर्थिक व्यवस्था के उस समय बदलने से  सामाजिक व्यवस्था में भी कुछ परिवर्तन देखने को मिलता है , जैसे अभी तक ब्राम्हण सिर्फ,यज्ञ,अध्यापन,भिक्षा लेना,भिक्षा देना,कार्य कर सकते थे,परंतु अब  स्मृतिकारों ने उन्हें संकटकाल में कोई दूसरा व्यवसाय अपनाने की भी अनुमति दे दी थी।     बृहस्पति नामक स्मृतिकार ने कहा है कि संकटकाल में में ब्राम्हण शूद्र द्वारा भी अन्न या भोजन ग्रहण कर सकता था।   यानि इस समय तक ब्राम्हण की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई थी,यज्ञ का विधान कम हुआ था।    यद्यपि गुप्त काल में भूमिदान की प्रथा फिर से शुरू हुई, जिससे उनको दान में भूमि मिली,इस समय कुछ ब्राम्हण...