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Showing posts from June 14, 2019

केमिकल सेक्टर में निवेश की पीड़ा और संभावना: एक निवेशक की सीख और वैश्विक विश्लेषण"

"केमिकल सेक्टर में निवेश की पीड़ा और संभावना: एक निवेशक की सीख और वैश्विक विश्लेषण" भूमिका: जब आँकड़े से ज़्यादा भावनाएं बोलती हैं 15 नवंबर 2023 को जब मैंने UPL के 14 शेयर ₹678 प्रति शेयर की दर से खरीदे, तब मन में आशा थी—परिणाम मिला निराशा। दो साल तक घाटा सहना पड़ा, शेयर ₹400 तक गिरा, और धैर्य की परीक्षा होती रही। आरती इंडस्ट्रीज़ में निवेश किया तो ₹735 पर खरीदकर देखते ही देखते शेयर ₹437 तक लुढ़क गया। ₹29,000 का घाटा झेलना आसान नहीं था। सुदर्शन केमिकल भी मेरे भरोसे को नहीं सहेज सका—₹1218 की खरीद, और अप्रैल 2025 तक सिर्फ ₹1081। पर क्या सिर्फ मेरे फैसले गलत थे? या कुछ बड़ा, वैश्विक खेल भी चल रहा था? केमिकल सेक्टर क्यों गिरा? वैश्विक और घरेलू कारणों की पड़ताल 1. चीन की नीतियाँ और वैश्विक डंपिंग का खेल चीन विश्व का सबसे बड़ा केमिकल निर्यातक है। वह सरकार से सब्सिडी लेकर सस्ते में केमिकल बनाता है और फिर उन्हें दुनिया भर के बाजारों में डंप करता है – मतलब लागत से भी कम दाम पर बेचता है। दक्षिण अमेरिका , अफ्रीका , और यूरोप के कई छोटे देशों में उसने भारतीय उत्पादों की मा...

Sir Saiyad Ahmad khan first muslim social reformer In india

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        सर सैयद अहमद खान social reformer की जीवनी हिंदी में|         : सर सैयद अहमद खान:            #Sir saiyad ahmad khan# भारत के मुस्लिम सुधारकों की बात करें तो सबसे पहला नाम सर  सैयद अहमद खान को जाता है ।                   मुगल  शासन के अंत के बाद ब्रिटिश हुक़ूमत का उदय हुआ,मुसलमान अपने अतीत गौरव और प्रभुत्व को स्थापित करने में अंतिम रूप से असफल हो गए,अंग्रेजी प्रभुत्व की स्थापना से मुगलों  और उनके नवाबों का राज्य उनके हाँथ से निकल गया,मुसलमान दरबारी जो मुग़ल दरबार मे नौकर थे उनकी रोजी रोटी चली गई,उनके विशेषाधिकार छीन गए,।            1857  ग़दर के बाद अंग्रेजों ने मुग़ल सल्तनत के बचे हुए सम्राट बहादुर शाह जफ़र के सम्मिलित होने,पकड़े जाने के बाद उन्हें रंगून  निष्कासित कर दिया, उसके बाद ब्रिटिश हुक़ूमत ने ये माना कि मुस्लिम्स को भी कुचला जाय भविष्य में विद्रोह से बचाने के लिए।अंग्रेजों की मुसलमान विरोधी नीति और...