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Showing posts from October 25, 2021

शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ

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  – शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ   प्रश्न : क्या ओपन इंटरेस्ट (OI) डेटा से किसी स्टॉक में इंट्राडे खरीदारी का सटीक संकेत उसी दिन सुबह या एक दिन पहले मिल सकता है? उत्तर है : हाँ, लेकिन कुछ शर्तों और विश्लेषण के साथ। 🔍 OI से इंट्राडे में संकेत कैसे मिलते हैं? ओपन इंटरेस्ट का उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग में सपोर्ट-रेजिस्टेंस, ब्रेकआउट, और ट्रेडर सेंटिमेंट को पकड़ने के लिए किया जाता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं: 📈 1. OI और प्राइस मूवमेंट का संयोजन Price OI Interpretation भाव बढ़े बढ़े नया पैसा आ रहा है, ट्रेंड मजबूत Bullish संकेत घटे बढ़े शॉर्ट बिल्ड-अप हो रहा है Bearish संकेत बढ़े घटे शॉर्ट कवरिंग हो रही है Bullish लेकिन अल्पकालिक घटे घटे लॉन्ग अनवाइंडिंग हो रही है Bearish लेकिन अल्पकालिक उदाहरण: अगर किसी स्टॉक में प्री-मार्केट या पहले 15 मिनट में तेजी है और साथ में OI बढ़ रहा है , तो इसका अर्थ है कि ट्रेडर नई लॉन्ग पोजिशन बना रहे हैं – इंट्राडे बाय का संकेत। ⏰ 2. OI का डे...

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी Biography of Pandit Deendayal Upadhyay

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  दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी -- Biography of Pandit Deendayal Upadhyay--- प्रस्तावना --  दीनदयाल उपाध्याय भारतीय पॉलिटिशियन,संगठनकर्ता और एक सामाजिक चिंतक थे,उन्होंने हिंदुत्व के विचारधारा को आगे बढ़ाया उनके  संघर्षपूर्ण सादे जीवन यापन और राष्ट्र के लिए चिंतन संघर्षपूर्ण जीवन से न सिर्फ हिंदुत्व को धार दी बल्कि एक जनमानस में उनका पड़ा। भारत के महान विचारकों,राष्ट्रवादियों और समाज सुधारकों में से एक थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय,वे भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे वे एकात्म मानव वाद के प्रणेता थे जो भारतीय संस्कृति ,समाज और राजनीति के विकास के लिए मौलिक दर्शन था। उनका जीवन भारतीय समाज के उत्थान और राष्ट्रवाद के प्रचारप्रसार के लिए समर्पित था ।उनका राजनीतिक,सामाजिक और वैचारिक योगदान भारतीय राजनीति में अमिट छाप छोड़ चुका था।   दीनदयाल उपाध्याय का बचपन- -       पंडित   दीनदयाल उपाध्याय का जन्म सितंबर 1916  को मथुरा जिले के एक गांव नगला चंद्रभान में हुआ था,दीनदयाल उपाध्याय को बचपन से ही अत्यधिक संघर्ष करना पड़ा।यद्यपि दीनदयाल उपाध्याय के पिता...