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Showing posts from April 18, 2025

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

"रामेश्वर बृटा : यथार्थ के कैनवास पर उकेरी गई मानव पीड़ा की चित्रशैली"

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  रामेश्वर बूट्टा – मानव अस्तित्व के चित्रकार परिचय भारतीय समकालीन कला में रामेश्वर बूट्टा एक ऐसा नाम हैं, जिन्होंने केवल रंगों और आकृतियों से चित्र नहीं बनाए, बल्कि मनुष्य की आत्मा और समाज की परछाइयों को कागज़ पर उकेर दिया। वे उन चंद कलाकारों में से हैं जिन्होंने पुरुष शरीर को सामाजिक, राजनीतिक और दार्शनिक दृष्टि से देखने की एक बिल्कुल नई भाषा गढ़ी – जिसे हम “Man Series” के नाम से जानते हैं। आत्मा की तलाश "कला सिर्फ रंगों से नहीं बनती, वह पीड़ा, संघर्ष और आत्मा की गहराई से जन्म लेती है।" — रामेश्वर ब-roota भारत की आधुनिक चित्रकला में कुछ नाम ऐसे हैं जिन्होंने अपनी कला से सिर्फ आंखों को नहीं, बल्कि आत्मा को भी झकझोरा है। रा मेश्वर Broota  ऐसे ही एक महान चित्रकार हैं, जिनकी पेंटिंग्स में शरीर तो दिखता है, लेकिन भीतर आत्मा की कराह सुनाई देती है। 🎨 कौन हैं रामेश्वर Broota? 1941 में दिल्ली में जन्मे  रामेश्वर बूट्टा भारतीय समकालीन कला के सबसे महत्वपूर्ण नामों में से एक हैं। उन्होंने  दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स  से चित्रकला की पढ़ाई की और आगे चलकर वहीं शिक्षक भी बन...