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Showing posts from March 22, 2025

अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

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अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा प्रारंभिक जीवन और शिक्षा अतुल डोडिया का जन्म 1959 में भारत के मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) शहर में हुआ था। एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में जन्मे अतुल का बचपन साधारण किंतु जीवंत माहौल में बीता। उनका परिवार कला से सीधे जुड़ा नहीं था, परंतु रंगों और कल्पनाओं के प्रति उनका आकर्षण बचपन से ही साफ दिखने लगा था। अतुल डोडिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के स्कूलों में पूरी की। किशोरावस्था में ही उनके भीतर एक गहरी कलात्मक चेतना जागृत हुई। उनके चित्रों में स्थानीय जीवन, राजनीति और सामाजिक घटनाओं की झलक मिलती थी। 1975 के दशक में भारत में कला की दुनिया में नया उफान था। युवा अतुल ने भी ठान लिया कि वे इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएंगे। उन्होंने प्रतिष्ठित सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई से1982 में  बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (BFA) की डिग्री प्राप्त की। यहाँ उन्होंने अकादमिक कला की बारीकियों को सीखा, वहीं भारतीय और पाश्चात्य कला धाराओं का गहरा अध्ययन भी किया। 1989से1990 के साल में, उन्हें École des Beaux-Arts, पेरिस में भी अध्ययन का अवसर मिला।...

अमृता शेरगिल: भारतीय कला की अमर विभूति परिचय। Amrita Shergil Indian Artist Biography

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  अमृता शेरगिल: भारतीय कला की अमर विभूति परिचय। Amrita Shergil Indian Artist Biography अमृता शेरगिल भारतीय कला जगत की एक ऐसी अनमोल रत्न थीं, जिन्होंने अपनी अनूठी चित्रकला शैली से न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाई। वे भारत की पहली आधुनिक महिला चित्रकारों में से एक मानी जाती हैं। उनके चित्रों में भारतीय संस्कृति, समाज और स्त्री जीवन का यथार्थवादी चित्रण मिलता है। इस लेख में हम उनके जीवन, कला, प्रमुख चित्रों और उनके प्रभाव पर विस्तार से चर्चा करेंगे। अमृता शेरगिल का प्रारंभिक जीवन अमृता शेरगिल का जन्म 30 जनवरी 1913 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था। उनके पिता उमराव सिंह शेरगिल एक सिख कुलीन परिवार से थे और संस्कृत एवं फारसी के विद्वान थे, जबकि उनकी माँ मेरी एंटोनेट गोट्से हंगरी की एक प्रसिद्ध ओपेरा गायिका थीं। अमृता का बचपन यूरोप और भारत के बीच बीता, जिससे उनकी कला पर भारतीय और पश्चिमी प्रभाव दोनों पड़े। अमृता जब आठ साल की थीं यानी सन् 1921में भारत आई और 1929तक शिमला में रहीं और उस समय उन्होंने शिमला के प्राकृतिक वातावरण चित्र बनाए।1929में फिर से वह पेरिस (...