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Showing posts from March 22, 2025

केमिकल सेक्टर में निवेश की पीड़ा और संभावना: एक निवेशक की सीख और वैश्विक विश्लेषण"

"केमिकल सेक्टर में निवेश की पीड़ा और संभावना: एक निवेशक की सीख और वैश्विक विश्लेषण" भूमिका: जब आँकड़े से ज़्यादा भावनाएं बोलती हैं 15 नवंबर 2023 को जब मैंने UPL के 14 शेयर ₹678 प्रति शेयर की दर से खरीदे, तब मन में आशा थी—परिणाम मिला निराशा। दो साल तक घाटा सहना पड़ा, शेयर ₹400 तक गिरा, और धैर्य की परीक्षा होती रही। आरती इंडस्ट्रीज़ में निवेश किया तो ₹735 पर खरीदकर देखते ही देखते शेयर ₹437 तक लुढ़क गया। ₹29,000 का घाटा झेलना आसान नहीं था। सुदर्शन केमिकल भी मेरे भरोसे को नहीं सहेज सका—₹1218 की खरीद, और अप्रैल 2025 तक सिर्फ ₹1081। पर क्या सिर्फ मेरे फैसले गलत थे? या कुछ बड़ा, वैश्विक खेल भी चल रहा था? केमिकल सेक्टर क्यों गिरा? वैश्विक और घरेलू कारणों की पड़ताल 1. चीन की नीतियाँ और वैश्विक डंपिंग का खेल चीन विश्व का सबसे बड़ा केमिकल निर्यातक है। वह सरकार से सब्सिडी लेकर सस्ते में केमिकल बनाता है और फिर उन्हें दुनिया भर के बाजारों में डंप करता है – मतलब लागत से भी कम दाम पर बेचता है। दक्षिण अमेरिका , अफ्रीका , और यूरोप के कई छोटे देशों में उसने भारतीय उत्पादों की मा...

अमृता शेरगिल: भारतीय कला की अमर विभूति परिचय। Amrita Shergil Indian Artist Biography

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  अमृता शेरगिल: भारतीय कला की अमर विभूति परिचय। Amrita Shergil Indian Artist Biography अमृता शेरगिल भारतीय कला जगत की एक ऐसी अनमोल रत्न थीं, जिन्होंने अपनी अनूठी चित्रकला शैली से न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाई। वे भारत की पहली आधुनिक महिला चित्रकारों में से एक मानी जाती हैं। उनके चित्रों में भारतीय संस्कृति, समाज और स्त्री जीवन का यथार्थवादी चित्रण मिलता है। इस लेख में हम उनके जीवन, कला, प्रमुख चित्रों और उनके प्रभाव पर विस्तार से चर्चा करेंगे। अमृता शेरगिल का प्रारंभिक जीवन अमृता शेरगिल का जन्म 30 जनवरी 1913 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था। उनके पिता उमराव सिंह शेरगिल एक सिख कुलीन परिवार से थे और संस्कृत एवं फारसी के विद्वान थे, जबकि उनकी माँ मेरी एंटोनेट गोट्से हंगरी की एक प्रसिद्ध ओपेरा गायिका थीं। अमृता का बचपन यूरोप और भारत के बीच बीता, जिससे उनकी कला पर भारतीय और पश्चिमी प्रभाव दोनों पड़े। अमृता जब आठ साल की थीं यानी सन् 1921में भारत आई और 1929तक शिमला में रहीं और उस समय उन्होंने शिमला के प्राकृतिक वातावरण चित्र बनाए।1929में फिर से वह पेरिस (...