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Showing posts from April 24, 2020

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

मेसोपोटामिया की सभ्यता सुमेरियन,बेबिलोनिया की सभ्यता

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मेसोपोटामिया की सभ्यता- -- Mesopotamiyan civilization      विश्व की प्राचीन सभ्यताए जो लगभग एक समय विकसित हुई  ये सभ्यताएं नदी घाटी के उर्वर प्रदेशों में पनपीं , ये सभ्यताए इस प्रकार हैं------ 1 - दजला फरात नदी -मेसोपोटामिया की सभ्यता (3300 ईसा पूर्व से 2000 ईसा पूर्व तक) 2-नील नदी घाटी -मिस्र की सभ्यता (3200 ईसा पूर्व से 1000 ईसा पूर्व) 3-सिंधु नदी के तट पर- हड़प्पन सभ्यता (3200 ईसा पूर्व से 1300 ईसा पूर्व) 4-पीली नदी के किनारे चीन की सभ्यता (2000 ईसा पूर्व-200 ईसा पूर्व)    यदि हम मेसोपोटामिया सभ्यता का वर्णन करते हैं तो जानना जरुरी होगा कि पश्चिम एशिया का मध्यवर्ती भाग उर्वर अर्धचन्द्र (fertile Cresent) के अंतर्गत आधुनिक इसराइल के क्षेत्र से लेकर लेबनान का क्षेत्र ,सीरिया ,दक्षिणी टर्की से लेकर इराक की जाग्रोस पहाड़ियों के पास फ़ारस की खाड़ी तक का क्षेत्र सम्मिलित था ,इस क्षेत्र में नवपाषाण कालीन संस्कृति ( 8000 ईसा पूर्व) के बाद जब बड़ी बस्तियां बसीं और आखेटक  संस्कृति ने खाद्य संकट से निपटने के लिए कृषि कार्यों के तरफ़  बढे ।   ...