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Showing posts from April 19, 2025

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

क्या है सपिंड विवाह? – धर्म, कानून और विज्ञान की दृष्टि से एक विस्तृत विश्लेषण

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🧬 क्या है सपिंड विवाह? – धर्म, कानून और  विज्ञान की दृष्टि से एक विस्तृत विश्लेषण ✍️ लेखक: मनोज द्विवेदी मनोज की आवाज़ ब्लॉग में आपका स्वागत है, जहाँ हम बात करते हैं उन मुद्दों की जो हमारी संस्कृति, विज्ञान और समाज से गहराई से जुड़े हैं।आज चर्चा करते हैं सपिंड विवाह की यह क्या होता सामान्यतः लोग सम गोत्र विवाह को वर्जित मानते है परंतु सपिंड विवाह भी वर्जित है सनातन हिंदू संस्कृति ,धर्म,और कानून द्वारा भी शून्य है यदि इस तरह के विवाह के बाद कोई इस में कोर्ट चला जाए ,तो कोर्ट इस विवाह को शून्य घोषित कर देगा साथ में भविष्य में कोर्ट उनको कोई लीगल अधिकार नहीं देगा यदि वो विवाह करते है  ।साथ में उस समय ऋषि मुनियों ने भले ही आज के आनुवंशिक विज्ञान को नहीं पढ़ा था परंतु अपने आत्म चिंतन से इन वैज्ञानिक बातों का समावेश धार्मिक ग्रंथों में किया था। 🔷 1. सपिंड विवाह क्या है? "सपिंड" शब्द संस्कृत से लिया गया है – "स" + "पिंड" जिसका अर्थ होता है – एक ही रक्त या वंश से उत्पन्न होने वाले व्यक्ति। हिंदू परंपरा में यह मान्यता है कि एक ही वंश की संतानों में विव...