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Showing posts from July 28, 2019

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

Essay- paryavaran| आधुनिक मनुष्य और पर्यावरण

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Essay-                     Essay- paryavaran-- आधुनिक मनुष्य और पर्यावरण                                                           आधुनिक मनुष्य और पर्यावरण:-- पर्यावरण पर निबंध:(Essay on Environment)          क्या आधुनिक मनुष्य प्रकृति से दूर भाग रहा है?इस प्रश्न का यही उत्तर है कि मनुष्य  विकास के साथ मनुष्य में भौतिकता में अभिवृद्धि हुई है और मनुष्य प्रकृति से दूर भाग रहा है, वह वन जंगल पेंड़ पौधों को ऐसे काट रहा है जैसे ये जंगल ही उसके जान के लिए आफ़त है वो इन्ही जंगल ,हरे पौधों के कारण अभी तक पिछड़ा जीवन व्यतीत करने में बाध्य रहा वो नही जान रहा कि उसने पेंड़ के साथ कितने आशियानों को भी खत्म कर दिया जो उसी पेंड़ में घर बनाकर रहते थे ,उनके घर ख़त्म होने से उनकी जनसंख्या भी कम होती जा रही है। जनसंख्या बढ़ने से वाहनों की संख्या भी बढ़ी है,वाहनों में सीसायुक्...