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Showing posts from May 1, 2020

अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

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अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा प्रारंभिक जीवन और शिक्षा अतुल डोडिया का जन्म 1959 में भारत के मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) शहर में हुआ था। एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में जन्मे अतुल का बचपन साधारण किंतु जीवंत माहौल में बीता। उनका परिवार कला से सीधे जुड़ा नहीं था, परंतु रंगों और कल्पनाओं के प्रति उनका आकर्षण बचपन से ही साफ दिखने लगा था। अतुल डोडिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के स्कूलों में पूरी की। किशोरावस्था में ही उनके भीतर एक गहरी कलात्मक चेतना जागृत हुई। उनके चित्रों में स्थानीय जीवन, राजनीति और सामाजिक घटनाओं की झलक मिलती थी। 1975 के दशक में भारत में कला की दुनिया में नया उफान था। युवा अतुल ने भी ठान लिया कि वे इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएंगे। उन्होंने प्रतिष्ठित सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई से1982 में  बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (BFA) की डिग्री प्राप्त की। यहाँ उन्होंने अकादमिक कला की बारीकियों को सीखा, वहीं भारतीय और पाश्चात्य कला धाराओं का गहरा अध्ययन भी किया। 1989से1990 के साल में, उन्हें École des Beaux-Arts, पेरिस में भी अध्ययन का अवसर मिला।...

इरफ़ान खान |एक अभिनेता की कहानी

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  इरफ़ान ख़ान|एक उम्दा अभिनेता इरफ़ान ख़ान का बचपन-  साहबजादे    इरफ़ान अली   ख़ान का जन्म 7 जनवरी 1967 को राजस्थान के टोंक जिले में हुआ था  इरफ़ान ख़ान जयपुर के पठान परिवार से ताल्लुक रखते थे , इरफ़ान ख़ान के पिता का जयपुर शहर में टायर का व्यापार था , इरफ़ान खान के पिता का नाम यास्मीन अली ख़ान था और माता का नाम सईदा बेगम था , इरफ़ान खान तीन भाई बहन थे , इरफ़ान खान का बचपन जयपुर में ही बीता उन्हें बचपन में स्कूल जाना बड़ा बोरियत भरा काम लगता था ,  यद्यपि उन्हें पढ़ना अच्छा लगता था ,पढ़ने में उनकी गिनती बहुत तेजतर्रार बच्चों में नही थी ,पर मध्यमदर्जे के स्टूडेंट थे।           इरफ़ान खान बचपन में अपने पिता के साथ जयपुर के जंगल में शिकार के लिए जाते थे ,उनको जंगल में रात बिताना अच्छा लगता था ,वो जंगल में पेंड पौधों और विभिन्न प्रकार के जीव जन्तुवों को गौर से देखते थे वो प्रकृति प्रेमी थे , पर उनको पिता के शिकार की बात समझ में नही आती थी परंतु उन्होंने अपने पिता से कभी ये पूंछने की हिम्मत नही जुटाई कि वो निर्दोष जानवरों को क्यो...