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Showing posts from June 25, 2020

अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

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अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा प्रारंभिक जीवन और शिक्षा अतुल डोडिया का जन्म 1959 में भारत के मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) शहर में हुआ था। एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में जन्मे अतुल का बचपन साधारण किंतु जीवंत माहौल में बीता। उनका परिवार कला से सीधे जुड़ा नहीं था, परंतु रंगों और कल्पनाओं के प्रति उनका आकर्षण बचपन से ही साफ दिखने लगा था। अतुल डोडिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के स्कूलों में पूरी की। किशोरावस्था में ही उनके भीतर एक गहरी कलात्मक चेतना जागृत हुई। उनके चित्रों में स्थानीय जीवन, राजनीति और सामाजिक घटनाओं की झलक मिलती थी। 1975 के दशक में भारत में कला की दुनिया में नया उफान था। युवा अतुल ने भी ठान लिया कि वे इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएंगे। उन्होंने प्रतिष्ठित सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई से1982 में  बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (BFA) की डिग्री प्राप्त की। यहाँ उन्होंने अकादमिक कला की बारीकियों को सीखा, वहीं भारतीय और पाश्चात्य कला धाराओं का गहरा अध्ययन भी किया। 1989से1990 के साल में, उन्हें École des Beaux-Arts, पेरिस में भी अध्ययन का अवसर मिला।...

उत्तरवैदिक काल का इतिहास

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  उत्तरवैदिक काल का  इतिहास उत्तर वैदिक काल 1000 ईसा पूर्व से 500 ईसा पूर्व तक का है ,इस काल में चार वेदों में तीन वेद यजुर्वेद, सामवेद,अथर्वेद की रचना हुई साथ में ब्राम्हण ग्रन्थ,आरण्यक,उपनिषद ग्रन्थ भी लिखे गये,इन ग्रंथों में वर्णित तथ्यों के आधार पर तथा उत्खनन में चित्रित धूसर मृदभांड से,लोहे के प्रयोग से जो अतरंजीखेड़ा ,नोह से मिले हैं उसके आधार पर उस समय की जानकारी  मिलती है जिसमें  ज्ञात होता है कि कबाइली तत्व कमजोर हो गए थे क्षेत्रीय राज़्यों का उदय हुआ था,कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था का जन्म हो चुका था,वर्ण व्यवस्था में जटिलता आ चुकी थी। धर्म में यज्ञ के कर्मकांड में जटिलता आ चुकी थी। साथ में उपनिषदों में यज्ञ को आडम्बर बताकार ज्ञान और ध्यान द्वारा ही ईश्वर से जुड़ने का सरल मार्ग प्रतिपादित किया गया था। उत्तरवैदिक काल में सामाजिक और  प्रशासनिक व्यवस्था------ उत्त रवैदिक काल मे पंजाब से बाहर गंगा यमुना के दोआब तक आ गए ,उत्तरवैदिक साहित्य से जानकारी मिलती है कि आर्य क्रमिक रूप से पूरब की तऱफ बढ़ रहे थे,तथा प्रसार होने से नवीन  राज्यों का निर्माण हो रहा था,...