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Showing posts from November 27, 2021

अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

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अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा प्रारंभिक जीवन और शिक्षा अतुल डोडिया का जन्म 1959 में भारत के मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) शहर में हुआ था। एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में जन्मे अतुल का बचपन साधारण किंतु जीवंत माहौल में बीता। उनका परिवार कला से सीधे जुड़ा नहीं था, परंतु रंगों और कल्पनाओं के प्रति उनका आकर्षण बचपन से ही साफ दिखने लगा था। अतुल डोडिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के स्कूलों में पूरी की। किशोरावस्था में ही उनके भीतर एक गहरी कलात्मक चेतना जागृत हुई। उनके चित्रों में स्थानीय जीवन, राजनीति और सामाजिक घटनाओं की झलक मिलती थी। 1975 के दशक में भारत में कला की दुनिया में नया उफान था। युवा अतुल ने भी ठान लिया कि वे इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएंगे। उन्होंने प्रतिष्ठित सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई से1982 में  बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (BFA) की डिग्री प्राप्त की। यहाँ उन्होंने अकादमिक कला की बारीकियों को सीखा, वहीं भारतीय और पाश्चात्य कला धाराओं का गहरा अध्ययन भी किया। 1989से1990 के साल में, उन्हें École des Beaux-Arts, पेरिस में भी अध्ययन का अवसर मिला।...

बीना दास वीरांगना की जीवनी हिंदी में

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बीना दास वीरांगना की जीवनी--  Contents [ hide ] परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़ने के लिए अनेकों क्रांतिकारियों ने शहादत दी और कुछ ने कठोर यातनाएं सही ,सिर्फ पुरुष ही आगे नहीं रहे बल्कि कई वीरांगनाओं ने उनके साथ कदमताल करते हुए उनका पूरा साथ दिया और कई क्रान्तिकारी महिलाओं ने ख़ुद मोर्चा भी संभाला और खुद को देश के लिए न्यौछावर कर दिया उनमें से एक नाम शुमार है बीना दास का जिनके नाम से ही अंग्रेज भयभीत हो जाते थे। बीना दास का बचपन-- बीना दास का जन्म 24 अगस्त 1911 को बंगाल के कृष्णा नगर में हुआ था,बीना के पिता बेनीमाधवदास एक प्रसिद्ध अध्यापक थे उनके शिष्यों के फेहरिस्त में सुभाष चन्द्र बोस के नाम भी आता है।    बीना दास   की माता सरला एक सोशल वर्कर थीं। जो पुन्याश्रम नामक संस्था की संचालिका थीं ,इस संस्था का काम मुख्य क्रांतिकारियों की सहायता करना, उन क्रांतिकारियों के लिए हथियार का इंतजाम करना। शिक्षा-- बीना दास ने सेंट जान डियोसिन गर्ल्स कॉलेज सर हाइस्कूल किया ,उनकी बहन कल्याणी दास एक स्वतंत्रता सेनानी थीं।   बीना दास ने हाइस्कूल की  परीक्षा के बाद सुभाष ...