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Showing posts from January 11, 2022

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

जगमोहन चोपड़ा|Jagmohan Chopda printmaker|प्रिंटमकेर की जीवनी

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 जगमोहन चोपड़ा भारत के जाने माने प्रिंटमेंकर प्रिंटर और फोटोग्राफर थे जिन्होंने भारत मे प्रिंटमेकिंग को प्रमोट किया उनके प्रिंटमेकिंग के क्षेत्र में किये गए  ,अहम कार्यों के कारण 1988 में कला रत्न दिया गया ,वह आइफा के  चेयरमैन  पहले व आइफा के अध्यक्ष बाद  में बनाये गए। जगमोहन चोपड़ा का जन्म 1935 में लाहौर पंजाब पाकिस्तान में हुआ था।          Education &  Carrer               शिक्षा और करियर     जगमोहन चोपड़ा दिल्ली पॉलीटेकनिक के  कला के आर्ट डिपार्टमेंट से कला की शिक्षा ग्रहण की ,जब उन्होंने कला से डिप्लोमा पूरा कर लिया तो वह दिल्ली के आर्ट कॉलेज में लेक्चरर बने ,वह 1976 में  गवर्नमेंट आर्ट चंडीगढ़ में  प्रिंसिपल बनाये गए ,उन्होंने इस कला केंद्र को महत्वपूर्ण केंद्र बना दिया।                             :   करियर   : जगमोहन चोपड़ा भारत के विख्यात प्रिंटमेंकर थे ,इन्होंने प्रिंटमेकिंग प्...