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Showing posts from May 2, 2021

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

हनुमान जी की आरती| Hanuman ji ki Arti

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हनुमान जी की आरती- (पंचमुखी हनुमान जी) आरती: हनुमान जी की आरती कीजै हनुमान लला की,दुष्ट दलन रघुनाथ कला की। जाके बल से गिरिवर कांपै,रोग दोष जाके निकट न झाँपै। अंजनि पुत्र महा बलदाई,संतन के प्रभु सदा सहाई। दे बीरा रघुनाथ पठाये,लंका जारि सिय सुध लाये। लंका सो कोट समुद्र सी खाई ,जात पवनसुत बार न लाई। लंका जारि असुर संहारे,सियारामजी के काज सँवारे। लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे,आनि सजीवन प्राण उबारे। पैठि पताल तोरि जम-कारे, अहिरावन की भुजा उखारे। बाएं  भुजा असुर दल मारे,दाहिनी भुजा संतजन तारे। सुर नर मुनिजन आरती उतारें,जै जै जै हनुमान उचारें। कंचन थार कपूर लौ छाई, आरती करत अंजना माई। जो हनुमान जी की आरती गावै ,बसि बैकुंठ परम पद पावै। लंक विध्वंस किये रघुराई।तुलसीदास स्वामी कीरत  गाई। आरती कीजै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।   Hanuman Aarti (English)  Aarti kije hanuman lala ki  dusht dalan ragunath kala ki  aarti kije hanuman lala ki  dusht dalan ragunath kala ki  aarti kije hanuman lala ki  jake bal se girivar kaanpe  rog dosh ja ke nikat...