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Showing posts from May 2, 2021

अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

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अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा प्रारंभिक जीवन और शिक्षा अतुल डोडिया का जन्म 1959 में भारत के मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) शहर में हुआ था। एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में जन्मे अतुल का बचपन साधारण किंतु जीवंत माहौल में बीता। उनका परिवार कला से सीधे जुड़ा नहीं था, परंतु रंगों और कल्पनाओं के प्रति उनका आकर्षण बचपन से ही साफ दिखने लगा था। अतुल डोडिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के स्कूलों में पूरी की। किशोरावस्था में ही उनके भीतर एक गहरी कलात्मक चेतना जागृत हुई। उनके चित्रों में स्थानीय जीवन, राजनीति और सामाजिक घटनाओं की झलक मिलती थी। 1975 के दशक में भारत में कला की दुनिया में नया उफान था। युवा अतुल ने भी ठान लिया कि वे इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएंगे। उन्होंने प्रतिष्ठित सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई से1982 में  बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (BFA) की डिग्री प्राप्त की। यहाँ उन्होंने अकादमिक कला की बारीकियों को सीखा, वहीं भारतीय और पाश्चात्य कला धाराओं का गहरा अध्ययन भी किया। 1989से1990 के साल में, उन्हें École des Beaux-Arts, पेरिस में भी अध्ययन का अवसर मिला।...

हनुमान जी की आरती| Hanuman ji ki Arti

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हनुमान जी की आरती- (पंचमुखी हनुमान जी) आरती: हनुमान जी की आरती कीजै हनुमान लला की,दुष्ट दलन रघुनाथ कला की। जाके बल से गिरिवर कांपै,रोग दोष जाके निकट न झाँपै। अंजनि पुत्र महा बलदाई,संतन के प्रभु सदा सहाई। दे बीरा रघुनाथ पठाये,लंका जारि सिय सुध लाये। लंका सो कोट समुद्र सी खाई ,जात पवनसुत बार न लाई। लंका जारि असुर संहारे,सियारामजी के काज सँवारे। लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे,आनि सजीवन प्राण उबारे। पैठि पताल तोरि जम-कारे, अहिरावन की भुजा उखारे। बाएं  भुजा असुर दल मारे,दाहिनी भुजा संतजन तारे। सुर नर मुनिजन आरती उतारें,जै जै जै हनुमान उचारें। कंचन थार कपूर लौ छाई, आरती करत अंजना माई। जो हनुमान जी की आरती गावै ,बसि बैकुंठ परम पद पावै। लंक विध्वंस किये रघुराई।तुलसीदास स्वामी कीरत  गाई। आरती कीजै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।   Hanuman Aarti (English)  Aarti kije hanuman lala ki  dusht dalan ragunath kala ki  aarti kije hanuman lala ki  dusht dalan ragunath kala ki  aarti kije hanuman lala ki  jake bal se girivar kaanpe  rog dosh ja ke nikat...