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Showing posts from May 2, 2021

ए ए अलमेलकर ( A.A Almelkar) की जीवनी एक भारतीय चित्रकला परंपरा के सजग संरक्षक

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  ए. ए. अलमेलकर (A. A. Almelkar) की जीवनी — एक भारतीय चित्रकला परंपरा के सजग संरक्षक परिचय ए. ए. अलमेलकर (A. A. Almelkar) भारतीय कला-जगत की एक ऐसी विलक्षण प्रतिभा थे, जिन्होंने पारंपरिक भारतीय चित्रशैली को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए एक विशिष्ट शैली का विकास किया। उन्होंने भारतीय जीवन, संस्कृति और लोक परंपराओं को अपनी कला का केंद्र बनाया और एक गहरी भारतीयता से भरपूर चित्रशैली को जन्म दिया। प्रारंभिक जीवन पूरा नाम : अरुणा अनंतराव अलमेलकर जन्म :  10 अक्टूबर, 1920  में शोलापुर  महाराष्ट्र में मृत्यु : 1982 में अलमेलकर का जन्म एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें चित्रकला में थी, और सात साल की छोटी सी उम्र  से ही चित्रकारी शुरू कर दी ,इसी रुचि ने उन्हें आगे चलकर भारत के प्रमुख कलाकारों में शामिल किया। शिक्षा : अपने समकालीनों से अलग उन्होंने कम उम्र में ही चित्रकारी शुरू कर दी और खुद की एक अलग कला शैली विकसित की । उनकी चित्रकला शैली अपने समकालीन कलाकारों से कहीं ज्यादा पारंपरिक थे ,उनकी  शैली में लघु चित्र कला का ज्यादा ...

हनुमान जी की आरती| Hanuman ji ki Arti

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हनुमान जी की आरती- (पंचमुखी हनुमान जी) आरती: हनुमान जी की आरती कीजै हनुमान लला की,दुष्ट दलन रघुनाथ कला की। जाके बल से गिरिवर कांपै,रोग दोष जाके निकट न झाँपै। अंजनि पुत्र महा बलदाई,संतन के प्रभु सदा सहाई। दे बीरा रघुनाथ पठाये,लंका जारि सिय सुध लाये। लंका सो कोट समुद्र सी खाई ,जात पवनसुत बार न लाई। लंका जारि असुर संहारे,सियारामजी के काज सँवारे। लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे,आनि सजीवन प्राण उबारे। पैठि पताल तोरि जम-कारे, अहिरावन की भुजा उखारे। बाएं  भुजा असुर दल मारे,दाहिनी भुजा संतजन तारे। सुर नर मुनिजन आरती उतारें,जै जै जै हनुमान उचारें। कंचन थार कपूर लौ छाई, आरती करत अंजना माई। जो हनुमान जी की आरती गावै ,बसि बैकुंठ परम पद पावै। लंक विध्वंस किये रघुराई।तुलसीदास स्वामी कीरत  गाई। आरती कीजै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।   Hanuman Aarti (English)  Aarti kije hanuman lala ki  dusht dalan ragunath kala ki  aarti kije hanuman lala ki  dusht dalan ragunath kala ki  aarti kije hanuman lala ki  jake bal se girivar kaanpe  rog dosh ja ke nikat...