Posts

Showing posts from July 3, 2019

शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ

Image
  – शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ   प्रश्न : क्या ओपन इंटरेस्ट (OI) डेटा से किसी स्टॉक में इंट्राडे खरीदारी का सटीक संकेत उसी दिन सुबह या एक दिन पहले मिल सकता है? उत्तर है : हाँ, लेकिन कुछ शर्तों और विश्लेषण के साथ। 🔍 OI से इंट्राडे में संकेत कैसे मिलते हैं? ओपन इंटरेस्ट का उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग में सपोर्ट-रेजिस्टेंस, ब्रेकआउट, और ट्रेडर सेंटिमेंट को पकड़ने के लिए किया जाता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं: 📈 1. OI और प्राइस मूवमेंट का संयोजन Price OI Interpretation भाव बढ़े बढ़े नया पैसा आ रहा है, ट्रेंड मजबूत Bullish संकेत घटे बढ़े शॉर्ट बिल्ड-अप हो रहा है Bearish संकेत बढ़े घटे शॉर्ट कवरिंग हो रही है Bullish लेकिन अल्पकालिक घटे घटे लॉन्ग अनवाइंडिंग हो रही है Bearish लेकिन अल्पकालिक उदाहरण: अगर किसी स्टॉक में प्री-मार्केट या पहले 15 मिनट में तेजी है और साथ में OI बढ़ रहा है , तो इसका अर्थ है कि ट्रेडर नई लॉन्ग पोजिशन बना रहे हैं – इंट्राडे बाय का संकेत। ⏰ 2. OI का डे...

Article 356 , president ruleराष्ट्रपति शासनकी प्रक्रिया भारत में।

Image
 संविधान काअनुच्छेद 356 या प्रदेश में राष्ट्रपति  शासन का प्रावधान:                   भारत के संविधान में केंद्र और राज्य की व्यवस्था की गई है,केंद्रीय सूची के विषय में केंद्र की  सरकार की शक्तियां   कानून  बना सकतीं है,केंद्रीय विषय जैसे रक्षा,संचार, सुरक्षा, उड्डयन,पोत परिवहन,आदि विषय में है ,वहीँ राज्य की शक्ति ,कृषि,पशुपालन,स्वास्थ्य,शिक्षा,सामुदायिक कार्यों,पंचायत  आदि अदि जैसे  विषयों पर है जिनका वर्णन संविधान में राज्य सूची के रूप में है,कुछ विषय अवशिष्ट सूची के अधिकार है जिनमे केंद्र और राज्य दोनों  के अधिकार हैं क़ानून बनाने के लिए परंतु यदि अवशिष्ट विषय में राज्य ने क़ानून बना दिया बाद में उसी विषय में एक क़ानून केंद्र सरकार लाती है तो राज्य का क़ानून निष्प्रभावी हो जायेगा।                   इस प्रकार भारत जो राज्यों का एक संघ है वो ढीला ढाला संघ नही है जैसा अमेरिका के स्टेट्स ने मिलकर विलय पत्र में हस्ताक्षर किये और उनको ख़ुद को सं...