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Showing posts from July 3, 2019

अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

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अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा प्रारंभिक जीवन और शिक्षा अतुल डोडिया का जन्म 1959 में भारत के मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) शहर में हुआ था। एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में जन्मे अतुल का बचपन साधारण किंतु जीवंत माहौल में बीता। उनका परिवार कला से सीधे जुड़ा नहीं था, परंतु रंगों और कल्पनाओं के प्रति उनका आकर्षण बचपन से ही साफ दिखने लगा था। अतुल डोडिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के स्कूलों में पूरी की। किशोरावस्था में ही उनके भीतर एक गहरी कलात्मक चेतना जागृत हुई। उनके चित्रों में स्थानीय जीवन, राजनीति और सामाजिक घटनाओं की झलक मिलती थी। 1975 के दशक में भारत में कला की दुनिया में नया उफान था। युवा अतुल ने भी ठान लिया कि वे इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएंगे। उन्होंने प्रतिष्ठित सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई से1982 में  बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (BFA) की डिग्री प्राप्त की। यहाँ उन्होंने अकादमिक कला की बारीकियों को सीखा, वहीं भारतीय और पाश्चात्य कला धाराओं का गहरा अध्ययन भी किया। 1989से1990 के साल में, उन्हें École des Beaux-Arts, पेरिस में भी अध्ययन का अवसर मिला।...

Article 356 , president ruleराष्ट्रपति शासनकी प्रक्रिया भारत में।

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 संविधान काअनुच्छेद 356 या प्रदेश में राष्ट्रपति  शासन का प्रावधान:                   भारत के संविधान में केंद्र और राज्य की व्यवस्था की गई है,केंद्रीय सूची के विषय में केंद्र की  सरकार की शक्तियां   कानून  बना सकतीं है,केंद्रीय विषय जैसे रक्षा,संचार, सुरक्षा, उड्डयन,पोत परिवहन,आदि विषय में है ,वहीँ राज्य की शक्ति ,कृषि,पशुपालन,स्वास्थ्य,शिक्षा,सामुदायिक कार्यों,पंचायत  आदि अदि जैसे  विषयों पर है जिनका वर्णन संविधान में राज्य सूची के रूप में है,कुछ विषय अवशिष्ट सूची के अधिकार है जिनमे केंद्र और राज्य दोनों  के अधिकार हैं क़ानून बनाने के लिए परंतु यदि अवशिष्ट विषय में राज्य ने क़ानून बना दिया बाद में उसी विषय में एक क़ानून केंद्र सरकार लाती है तो राज्य का क़ानून निष्प्रभावी हो जायेगा।                   इस प्रकार भारत जो राज्यों का एक संघ है वो ढीला ढाला संघ नही है जैसा अमेरिका के स्टेट्स ने मिलकर विलय पत्र में हस्ताक्षर किये और उनको ख़ुद को सं...