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Showing posts from July 3, 2019

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

Article 356 , president ruleराष्ट्रपति शासनकी प्रक्रिया भारत में।

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 संविधान काअनुच्छेद 356 या प्रदेश में राष्ट्रपति  शासन का प्रावधान:                   भारत के संविधान में केंद्र और राज्य की व्यवस्था की गई है,केंद्रीय सूची के विषय में केंद्र की  सरकार की शक्तियां   कानून  बना सकतीं है,केंद्रीय विषय जैसे रक्षा,संचार, सुरक्षा, उड्डयन,पोत परिवहन,आदि विषय में है ,वहीँ राज्य की शक्ति ,कृषि,पशुपालन,स्वास्थ्य,शिक्षा,सामुदायिक कार्यों,पंचायत  आदि अदि जैसे  विषयों पर है जिनका वर्णन संविधान में राज्य सूची के रूप में है,कुछ विषय अवशिष्ट सूची के अधिकार है जिनमे केंद्र और राज्य दोनों  के अधिकार हैं क़ानून बनाने के लिए परंतु यदि अवशिष्ट विषय में राज्य ने क़ानून बना दिया बाद में उसी विषय में एक क़ानून केंद्र सरकार लाती है तो राज्य का क़ानून निष्प्रभावी हो जायेगा।                   इस प्रकार भारत जो राज्यों का एक संघ है वो ढीला ढाला संघ नही है जैसा अमेरिका के स्टेट्स ने मिलकर विलय पत्र में हस्ताक्षर किये और उनको ख़ुद को सं...