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Showing posts from June 13, 2019

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जीवनी हिंदी में Dheerendra Krishna Shastri Biography Hindi me

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  Dheerendra Krishna Shastri का नाम  सन 2023 में तब भारत मे और पूरे विश्व मे विख्यात हुआ जब  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा नागपुर में कथावाचन का कार्यक्रम हो रहा था इस दौरान महाराष्ट्र की एक संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव उनके द्वारा किये जाने वाले चमत्कारों को अंधविश्वास बताया और उनके कार्यो को समाज मे अंधविश्वास बढ़ाने का आरोप लगाया। लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी संबोधित करते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चमत्कारी शक्तियों के कारण लोंगो के बीच ये बात प्रचलित है कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी के अवतार हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन (Childhood of Dhirendra Shastri)  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म मध्यप्रदेश के जिले छतरपुर के ग्राम गढ़ा में 4 जुलाई 1996 में हिन्दु  सरयूपारीण ब्राम्हण परिवार  में हुआ था , इनका गोत्र गर्ग है और ये सरयूपारीण ब्राम्हण है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है व माता का नाम सरोज गर्ग है जो एक गृहणी है।धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक छोटा भाई भी है व एक छोटी बहन भी है।छोटे भाई का न

Swami Vivekanand and Ramkrishna movement

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          स्वामी विवेकानंद  एक रास्ता खोजें।उस पर विचार करें, उस विचार को अपना जीवन बनालें,उसके बारे में सोचें, उसका सपना देखें, उस विचार को जियें।मष्तिष्क,मांसपेशियों, नसों यानि अपने शरीर के प्रत्येक भाग को उस विचार से भर दें और किसी अन्य विचार को जगह मत दें।सफलता का यही रास्ता है।                                   -स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु परमपूज्य रामकृष्ण परमहंस की स्मृति में कई थी , रामकृष्ण का जन्म बंगाल में हुआ था और वह कलकत्ता के  एक  मन्दिर  में मां काली के उपासक थे,उनको हिन्दू धर्म दर्शन में पूर्ण श्रद्धा थी, वो मूर्तिपूजा में विश्वास करते थे वो शाश्वत सर्व शक्तिमान ईश्वर को प्राप्त करने में मूर्तिपूजा को सहायक मानते थे,वो कर्मकांड की अपेक्षा आत्मा पर अधिक बल देते थे वो बाकी सभी धर्मों का सम्मान करते थे वो ईश्वर प्राप्ति के लिए ईश्वर के ईश्वर के प्रति निश्वार्थ और अनन्य भक्ति को साधन मानते थे,वो सभी धर्मों के मौलिक एकता में विश्वास करते थे, वे कहते थे मनुष्य की सेवा करना ही ईश्वर की सेवा करना है,उन्होंने  तीनो प्