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Showing posts from March 9, 2021

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जीवनी हिंदी में Dheerendra Krishna Shastri Biography Hindi me

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  Dheerendra Krishna Shastri का नाम  सन 2023 में तब भारत मे और पूरे विश्व मे विख्यात हुआ जब  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा नागपुर में कथावाचन का कार्यक्रम हो रहा था इस दौरान महाराष्ट्र की एक संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव उनके द्वारा किये जाने वाले चमत्कारों को अंधविश्वास बताया और उनके कार्यो को समाज मे अंधविश्वास बढ़ाने का आरोप लगाया। लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी संबोधित करते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चमत्कारी शक्तियों के कारण लोंगो के बीच ये बात प्रचलित है कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी के अवतार हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन (Childhood of Dhirendra Shastri)  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म मध्यप्रदेश के जिले छतरपुर के ग्राम गढ़ा में 4 जुलाई 1996 में हिन्दु  सरयूपारीण ब्राम्हण परिवार  में हुआ था , इनका गोत्र गर्ग है और ये सरयूपारीण ब्राम्हण है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है व माता का नाम सरोज गर्ग है जो एक गृहणी है।धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक छोटा भाई भी है व एक छोटी बहन भी है।छोटे भाई का न

देवीप्रसाद रॉय चौधरी आर्टिस्ट D.P.Roy choudhury की जीवनी हिंदी में|

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  देवीप्रसाद रॉय चौधरी आर्टिस्ट की जीवनी हिंदी में Deviprasad Roy Choudhury Artist Biography in Hindi "कला किसी की बपौती नहीं कोई भी व्यक्ति इसे सीख सकता है" ये शब्द प्रसिद्ध कलाकार और मूर्तिकार देवीप्रसाद रायचौधरी के थे। (ट्राइंफ ऑफ लेबर) देवीप्रसाद राय चौधरी का बचपन व शिक्षा- देवीप्रसाद राय चौधरी का जन्म  14 जून1899 में जिला रंगपुर ताजहट  (आज बांग्लादेश में है)  में हुआ था।   देवीप्रसाद रॉय चौधरी का पालनपोषण जमींदार घराने में ठाठ बाट में हुआ ,जमींदार परिवार में जन्मे देवीप्रसाद  राय चौधरी का रुझान बचपन से ही कला की तरफ़ था,उनकी कला प्रतिभा को देखने पर उनके पिता उनको अवनींद्र नाथ टैगोर के पास ले गए।  आप कई कला विधाओं में दक्ष थे आप निशानेबाज, कुश्ती करने वाले पहलवान थे,संगीतज्ञ थे ,वंशीवादक थे,नाविक थे, कुशल शिल्पी भी थे  अवनींद्र नाथ टैगोर के मार्गदर्शन में उन्होंने हर विधा में कल दक्षता ग्रहण की,उन्होंने बंगाल शैली में ही खुद को नहीं बांध कर रखा बल्कि वो कला में नित नए प्रयोग करके अपनी एक अलग शैली प्रस्तुत की। देवी प्रसाद राय चौधरी के कला के प्रति लगन और मेहनत ने उन्हें अ