Posts

Showing posts from October 11, 2021

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

Image
 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

Ramkumar रामकुमार Artist की जीवनी

Image
  राम कुमार का जन्म 23 सितंबर 1924 को शिमला में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था।रामकुमार के पिता पंजाब के शहर पटियाला में ब्रिटिश सरकार में एक सरकारी प्रशासनिक पद में कार्यरत थे,रामकुमार के सात भाई और बहनें थीं। रामकुमार ने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज  से अर्थशास्त्र विषय मे M. A. किया ।      उनका कला के प्रति रुझान तब प्रारम्भ हुआ जब एक बार वह अपने मित्र के साथ अपने कॉलेज सेंट स्टीफ़न से घर लौट रहे थे,उस समय उन्होंने रास्ते मे कनॉट प्लेस पर लगी एक कला प्रदर्शनी में घूमने का अवसर मिला।वह उस कला प्रदर्शनी से अत्यधिक आकृष्ट हुए और अपने अंदर छिपी कला प्रतिभा को भी निखारने का निर्णय लिया। [रामकुमार आर्टिस्ट]       उन्होंने शारदा उकील स्कूल ऑफ आर्ट दिल्ली में कला शिक्षा प्राप्ति के लिए एडमिशन लिया,यहाँ पर कला शिक्षा शैलोज मुखर्जी के निर्देशन में ग्रहण की और कला को बारीकी से जाना। इस दौरान उन्होंने कला की पूर्ण दक्षता प्राप्ति में बाधक अपने बैंक की  नौकरी से स्तीफा दे दिया। कला के उच्च पिपासा को शांत करने के लिए  उन्होंने पेरिस जाने का...

आनंद कुमार स्वामी|कला समीक्षक| की जीवनी

Image
  आनंद कुमार स्वामी इंडियन आर्टिस्ट,कला समीक्षक की जीवनी--   जन्म - आनंद कुमार स्वामी का जन्म कोलंबो में 22 अगस्त सन1877 इसवी को हुआ था इनके पिता का नाम सर मुथुकुमार स्वामी था जो तमिल वंश के एक प्रसिद्ध न्यायाधीश थे।उनके पिता ने इंग्लैंड में जाकर बैरिस्टरी परीक्षा पास की ,इस परीक्षा को पास करने वाले वह पहले हिन्दू थे,इंग्लैंड में मुतुकुमार स्वामी ने एक अंग्रेज महिला एलिजाबेथ क्ले से विवाह कर लिया। विवाहोपरांत आनंद कुमार स्वामी का जन्म हुआ।  विवाह के मात्र चार वर्ष  बाद ही मुतु कुमार स्वामी का देहांत हो गया। उस समय आनंद कुमार स्वामी केवल दो साल के थे।इसलिए  आनंद कुमार स्वामी का पालन पोषण उनकी माता ने ही किया और वहीं ब्रिटेन में आनंद कुमार स्वामी का बचपन बीता। प्रारंभिक शिक्षा-- आनंद कुमार स्वामी ने सन 1903 ईस्वी में लंदन से  भुगर्भविज्ञान(जियोलॉजी) में डॉक्टरेट की उपाधि अर्जित की इन्होंने सन 1903 से लेकर सन 1906 तक श्रीलंका सरकार के खनिज विभाग में निदेशक का पद भी संभाला इस दौरान उन्होंने खनिज पदार्थों के देशी समूह के आधार पर परिभाषित शब्दों का नया संग्रह बन...