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Showing posts from January 4, 2021

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जीवनी हिंदी में Dheerendra Krishna Shastri Biography Hindi me

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  Dheerendra Krishna Shastri का नाम  सन 2023 में तब भारत मे और पूरे विश्व मे विख्यात हुआ जब  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा नागपुर में कथावाचन का कार्यक्रम हो रहा था इस दौरान महाराष्ट्र की एक संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव उनके द्वारा किये जाने वाले चमत्कारों को अंधविश्वास बताया और उनके कार्यो को समाज मे अंधविश्वास बढ़ाने का आरोप लगाया। लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी संबोधित करते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चमत्कारी शक्तियों के कारण लोंगो के बीच ये बात प्रचलित है कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी के अवतार हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन (Childhood of Dhirendra Shastri)  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म मध्यप्रदेश के जिले छतरपुर के ग्राम गढ़ा में 4 जुलाई 1996 में हिन्दु  सरयूपारीण ब्राम्हण परिवार  में हुआ था , इनका गोत्र गर्ग है और ये सरयूपारीण ब्राम्हण है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है व माता का नाम सरोज गर्ग है जो एक गृहणी है।धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक छोटा भाई भी है व एक छोटी बहन भी है।छोटे भाई का न

परमानंद चोयल| (P. N. choyal) |कलाकार की जीवनी

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    परमानंद चोयल(PN choyal)कलाकार की जीवनी: (पी एन चोयल)   पी एन चोयल  ,राजस्थान के प्रसिद्ध कलाकारों में एक हैं,उनको उन्होंने अपने नवीन कला प्रयोगों से चित्रकला को नया आयाम दिया और क्षितिज को छुआ।     शिक्षा --       पी एन चोयल का जन्म राजस्थान के कोटा  में  5 जनवरी सन 1924 ईसवी को हुआ था। परमानंद चोयल केवल एक आर्टिस्ट ही नहीं थे बल्कि वो एक सफ़ल नाटक कार भी थे 1960 में "चलते फिरते बूत" नामक नाटक का मंचन भी किया ।       पी एन चोयल को प्रारंभिक कला शिक्षा जयपुर के परंपरागत कलाकार कानू राम शर्मा से मिली।1948 ईसवी से इन्होंने सीरियसली कला की तरफ़ रुझान किया।         जब वो इंटरमीडिएट की शिक्षा ग्रहण कर रहे थे उसी  समय उनके विद्यालय में हंगेरियन कलाकार मैडम वेलटनी कालेज के एक प्रदर्शनी को देखने आईं ,इसी प्रदर्शनी में वो परमानंद की कला से बहुत प्रभावित हुईं। उन्होंने चोयल को इंग्लैंड में कला शिक्षा प्राप्त करने के लिए शालीमार स्कालरशिप का प्रबंध भी किया पर उस समय चोयल की उम्र की बाधा से ये स्कालरशिप उन्हें नही मिल पाई।          जयपुर स्कूल ऑफ आर्ट्स में इनकी मुलाकात रामगोपाल विज