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Showing posts from May 21, 2021

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

श्री राम स्तुति|Sri Ram Stuti

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श्री राम : Sri Ram Stuti : : श्री  राम स्तुति: श्रीरामचन्द्र कृपालु भजमन  हरणभवभयदारुणं।  नवकंजलोचन कंजमुख करकंज पदकंजारुणं ॥१॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि नवनीलनीरदसुन्दरं।  पटपीतमानहु तडित रूचिशुचि नौमिजनकसुतावरं ॥२॥ भजदीनबन्धु दिनेश दानवदैत्यवंशनिकन्दनं।  रघुनन्द आनन्दकन्द कोशलचन्द्र दशरथनन्दनं ॥३॥ शिरमुकुटकुण्डल तिलकचारू उदारुअंगविभूषणं।  आजानुभुज शरचापधर संग्रामजितखरदूषणं ॥४॥ इति वदति तुलसीदास शङकरशेषमुनिमनरंजनं।  ममहृदयकंजनिवासकुरु कामादिखलदलगञजनं ॥५॥ मनु जाहि राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुन्दर सावरो।  करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो ॥६ एही भाँति गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषींअली।  तुलसी भवानी पूजी पुनि-पुनि मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥ जानी गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।  मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे ॥८॥                 Sri RAM stuti in English                               |Doha| Shri Ramachandra Kripalu Bhajuma...