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Showing posts from May 21, 2021

ए ए अलमेलकर ( A.A Almelkar) की जीवनी एक भारतीय चित्रकला परंपरा के सजग संरक्षक

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  ए. ए. अलमेलकर (A. A. Almelkar) की जीवनी — एक भारतीय चित्रकला परंपरा के सजग संरक्षक परिचय ए. ए. अलमेलकर (A. A. Almelkar) भारतीय कला-जगत की एक ऐसी विलक्षण प्रतिभा थे, जिन्होंने पारंपरिक भारतीय चित्रशैली को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए एक विशिष्ट शैली का विकास किया। उन्होंने भारतीय जीवन, संस्कृति और लोक परंपराओं को अपनी कला का केंद्र बनाया और एक गहरी भारतीयता से भरपूर चित्रशैली को जन्म दिया। प्रारंभिक जीवन पूरा नाम : अरुणा अनंतराव अलमेलकर जन्म :  10 अक्टूबर, 1920  में शोलापुर  महाराष्ट्र में मृत्यु : 1982 में अलमेलकर का जन्म एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें चित्रकला में थी, और सात साल की छोटी सी उम्र  से ही चित्रकारी शुरू कर दी ,इसी रुचि ने उन्हें आगे चलकर भारत के प्रमुख कलाकारों में शामिल किया। शिक्षा : अपने समकालीनों से अलग उन्होंने कम उम्र में ही चित्रकारी शुरू कर दी और खुद की एक अलग कला शैली विकसित की । उनकी चित्रकला शैली अपने समकालीन कलाकारों से कहीं ज्यादा पारंपरिक थे ,उनकी  शैली में लघु चित्र कला का ज्यादा ...

श्री राम स्तुति|Sri Ram Stuti

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श्री राम : Sri Ram Stuti : : श्री  राम स्तुति: श्रीरामचन्द्र कृपालु भजमन  हरणभवभयदारुणं।  नवकंजलोचन कंजमुख करकंज पदकंजारुणं ॥१॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि नवनीलनीरदसुन्दरं।  पटपीतमानहु तडित रूचिशुचि नौमिजनकसुतावरं ॥२॥ भजदीनबन्धु दिनेश दानवदैत्यवंशनिकन्दनं।  रघुनन्द आनन्दकन्द कोशलचन्द्र दशरथनन्दनं ॥३॥ शिरमुकुटकुण्डल तिलकचारू उदारुअंगविभूषणं।  आजानुभुज शरचापधर संग्रामजितखरदूषणं ॥४॥ इति वदति तुलसीदास शङकरशेषमुनिमनरंजनं।  ममहृदयकंजनिवासकुरु कामादिखलदलगञजनं ॥५॥ मनु जाहि राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुन्दर सावरो।  करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो ॥६ एही भाँति गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषींअली।  तुलसी भवानी पूजी पुनि-पुनि मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥ जानी गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।  मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे ॥८॥                 Sri RAM stuti in English                               |Doha| Shri Ramachandra Kripalu Bhajuma...