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Showing posts from January 3, 2020

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जीवनी हिंदी में Dheerendra Krishna Shastri Biography Hindi me

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  Dheerendra Krishna Shastri का नाम  सन 2023 में तब भारत मे और पूरे विश्व मे विख्यात हुआ जब  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा नागपुर में कथावाचन का कार्यक्रम हो रहा था इस दौरान महाराष्ट्र की एक संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव उनके द्वारा किये जाने वाले चमत्कारों को अंधविश्वास बताया और उनके कार्यो को समाज मे अंधविश्वास बढ़ाने का आरोप लगाया। लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी संबोधित करते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चमत्कारी शक्तियों के कारण लोंगो के बीच ये बात प्रचलित है कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी के अवतार हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन (Childhood of Dhirendra Shastri)  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म मध्यप्रदेश के जिले छतरपुर के ग्राम गढ़ा में 4 जुलाई 1996 में हिन्दु  सरयूपारीण ब्राम्हण परिवार  में हुआ था , इनका गोत्र गर्ग है और ये सरयूपारीण ब्राम्हण है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है व माता का नाम सरोज गर्ग है जो एक गृहणी है।धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक छोटा भाई भी है व एक छोटी बहन भी है।छोटे भाई का न

महात्मा गाँधी और उनका जीवन दर्शन,mahatma gandhi and his philoshphy

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महात्मा गाँधी और उनका जीवन दर्शन महात्मा गांधी का नाम आते ही हमारे मस्तिष्क में एक छवि का निर्माण हो जाता है वह है एक हाँथ में लाठी ह्रदय में सत्य अहिंसा का सम्बल लिए हुए परतंत्रता की बेड़ियों में जकड़ी हुई भारत मां को  अंग्रेजों के अत्याचारों से मुक्त कराते हुए एक व्यक्ति की  तस्वीर उभरती है ,परंतु गांधी जी को किसी एक विधा से नहीं बाँधा जा सकता जहाँ उन्होंने देश को स्वतंत्र कराने के लिए राजनीतिक विचारधारा दी और संघर्ष किया ,वहीं उन्होंने  धर्म और नीति और आर्थिक दृष्टिकोण  भी प्रस्तुत करते हुए अपने सपनों के भारत का मार्ग प्रशस्त किया।  जीवन परिचय--- गांधी जी का पूरा नाम मोहन दास  करम चन्द गांधी था उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबन्दर गुजरात में  एक कुलीन घराने में हुआ था ,उनके पिता करम चन्द गांधी एक दीवान थे और माता पुतली बाई बहुत सीधी साधी धार्मिक विचारों वाली महिला थीं ,गांधी जी का 13 वर्ष की आयु में विवाह हुआ,19 वर्ष की आयु में 4 सितम्बर 1888 को गांधी जी बम्बई  से इंग्लैंड वकालत की शिक्षा ग्रहण करने को गए,बैरिस्टरी की परीक्षा पास करने के बाद 12 जून 1891 को भारत लौट आये,और भार