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Showing posts from June 15, 2019

डॉ. अमोद द्विवेदी की जीवनी: कानपुर के प्रसिद्ध यूरो सर्जन की संघर्षपूर्ण यात्रा

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🩺 डॉ. अमोद द्विवेदी: कम उम्र में प्रतिष्ठा पाने वाले यूरो  सर्जन की जीवन-यात्रा (एक चिकित्सक, एक सर्जन और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का नाम) प्रस्तावना किसी भी समाज में कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं, जिनकी पहचान केवल उनकी डिग्रियों या पदों से नहीं होती, बल्कि उनके कर्म, समर्पण और जनता के विश्वास से होती है। कानपुर जैसे औद्योगिक और घनी आबादी वाले शहर में यूरोलॉजी जैसे जटिल चिकित्सा क्षेत्र में पहचान बनाना आसान नहीं होता। डॉ. अमोद द्विवेदी इसी श्रेणी के चिकित्सक हैं, जिन्होंने अपेक्षाकृत कम उम्र में ही यूरोलॉजिकल सर्जरी के क्षेत्र में स्थायित्व, विश्वास और लोकप्रियता अर्जित की। आमोद द्विवेदी का जन्म कानपुर जिले के  उपजिला घाटमपुर कस्बे में सन 1979 में हुआ था ।उनकी प्रारंभिक शिक्षा घाटमपुर के सरस्वती शिशु विद्यामंदिर में कक्षा पांच तक हुई जहां पर उन्होंने संस्कार निर्माण और देश सेवा की संकल्पना की , तत्पश्चात उन्होंने कक्षा आठ तक की शिक्षा घाटमपुर स्थित रामस्वरूप सुभाष स्मारक विद्या मंदिर से ली उन्होंने क्लास 9 से क्लास 10 वीं की पढ़ाई गांधी विद्या इंटर कॉलेज से की इसके पश्चात...

Anie besant बायोग्राफी |Homerule Movement|Theoshofical Society

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Anie Besant बायोग्राफी |Homerule Movement                                                                       |श्रीमती एनी बेसेंट| Anie Besant बायोग्राफी |Homerule Movement श्रीमती एनी बेसेंट का जन्म पश्चिमी लंदन में एक अक्टूबर1947 में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था, जब वह पांच साल की थीं तभी उनके पिता का देहांत हो गया,उनका लालन पालन उनकी माँ हैरो ने  किया था, अल्पायु में ही एनी बेसेंट को अपनी मां के साथ यूरोप भ्रमण के अवसर मिला।          सन् 1867 में  बीस वर्ष की आयु में एनी बेसेंट का विवाह  में 26 साल के पादरी फ्रैंक बेसेंट के साथ हो गया,उनसे दो संताने  आर्थर और मेम्बल एनी पैदा हुई,उनके पति रूढ़िवादी क्रिस्चियन थे ,परंतु एनी बेसेंट वैश्विक खुले विचार की महिला थी ,विचारों में अंतर्विरोध के कारण उनका पति से अलगाव हुआ ,इस बीच वह ख़र्च चलाने के लिए बच्च...