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Showing posts from October 29, 2021

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

आंतरिक सुरक्षा राइटर अशोक कुमार IPSकी बुक review

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आंतरिक सुरक्षा राइटर अशोक कुमार Internal Security Ashok Kumar की बुक review:  नमस्कार मित्रों! आज हम आपको भारतीय प्रशासनिक सेवा /राज्य सिविल सेवाओं के GS के लिए दिये गए सिलेबस में एक भाग भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बताने जा रहा हूँ कि इस भाग से UPSC मेन्स में प्रश्न आते हैं और अभ्यर्थी यदि इस विषय को अच्छे से नहीं पढ़ता तो मैन्स में अधिक अच्छा परफॉर्मन्स नहीं दे पाते ।      आज हम बात करते है किताब                 भारत की आंतरिक सुरक्षा:मुख्य चुनौतियां इस पुस्तक का लेखक थे अशोक कुमार IPS और विपुल DANIPS Buy now इस पुस्तक का बाहरी आवरण बहुत ही आकर्षक है।ऊपरी  भाग में एक व्यक्ति दूरबीन से बॉर्डर के पार के सैनिकों को देख रहा है ।      नीचे पृष्ठ का आधा भाग सफेद है।पुस्तक के पीछे के आवरण में लेखक के बारे में जानकारी दी गई है और पुस्तक के मुख्य आकर्षक बिंदुओं को दिया गया है। नए एडिशन में कवर पृष्ठ की डिज़ाइन बदल दी गई है।      यह पुस्तक टाटा मैक्ग्रा हिल्स का प्रकाशन है और इसके अंदर के पृष्ठ के...

भारतीय चित्रकला विशेषताएँ

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  भारतीय चित्रकला की विशेषताएँ-- भारतीय चित्रकला की अपनी विशेषताएं निम्न हैं-- -धार्मिकता -- भारतीय कला की मुख्य विशेषता उसका धर्म से जुड़ाव था।भारत  धार्मिक कार्यों में वैष्णव मत में चित्र रचना का महत्वपूर्ण योगदान है और भगवान विष्णु कृष्ण राम के दर्शन को भक्ति का मुख्य अंग माना गया है,बौद्ध धर्म के धर्म के व्याख्याता के रूप में कला को माना गया है, बौद्ध धर्म को फैलाने में कल का ही योगदान था, पोथी चित्रण जैन धर्म की विशेषताएं है। कल्पना -- भारतीय चित्रकला में कल्पना को आधार बनाया गया है ,कला में हर जगह देवताओं को एक मुकुट लगाए राजा नुमा सजाया जाता था ,ब्रम्हा विष्णु महेश और देवताओं के वाहन में कल्पना ही साकार होती है। अजंता के बौद्ध भिक्षुओं के चित्रों में जन्म जन्मांतर की कहानी कल्पना को ही दिखाती है। प्रतीकात्मकता --- भारतीय कला में प्रतीक चिन्हों को समावेश किया गया है, ॐ चक्र,बृक्ष ,लक्ष्मी आदि का प्रमुख स्थान रहा है। अलंकारिकता --- भारतीय कला में अलंकारिकता के दर्शन होते हैं। भारतीय कला में उपमा के द्वारा अलंकरण किया गया है जैसे कमल के समान नेत्र,चन्द्र के समान मुख , मुगल ...