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Showing posts from July 17, 2020

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

आइजक न्यूटन की जीवनी

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आइजक न्यूटन की बायोग्राफी........                             (आइजक न्यूटन) सर आइजक न्यूटन इंग्लैंड के वैज्ञानिक थे ,वो महान गणितज्ञ थे ,एक ज्योतिष वेत्ता थे,एक दार्शनिक थे ,साथ साथ मे वो भौतिक विज्ञानी थे , उनके द्वारा शोध किये गए विषयों को फिलॉसफी  नेचुरलिस  प्रिन्सिपिया मथेमेटिसिया" सन 1687 में प्रकाशित हुआ ,जिसमें सर्वात्रिक गुरुत्वाकर्षण के नियमों को विस्तार पूर्वक समझाया गया है, इसके अलावा न्यूटन ने संवेग संरक्षण के नियमों को प्रतिपादित किया ,प्रकाशकी में भी उन्होंने पहला परवर्ती दूरदर्शी बनाया।             आइजक न्यूटन का जन्म 1643 को इंग्लैंड में लंकाशायर के बुल्सपार्थ नामक जगह में एक गरीब किसान के घर में हुआ था ,यद्यपि जिस दिन इनका जन्मदिन था वो पवित्र दिन क्रिशमस डे था ,परंतु दुर्भाग्य से उनके जन्म के तीन माह  पहले ही उनके पिता का निधन हो गया ,और जब वो केवल तीन साल के थे उस समय उनकी माँ ने दूसरी शादी कर ली  , इस कारण न्यूटन की परवरिश उनकी दादी ने कि...