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Showing posts from October 14, 2019

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

Olga tokarjuk and peter haindke , nobel prize winner 2018,2019 of literature

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Olga tokarjuk and peter haindke Nobel prize winner 2018,2019। पोलैंड की लेखिका ओल्गा तोकार्जुक को वर्ष 2018 का और ऑस्ट्रिया के  विवादित  लेखक पीटर हैण्डके को वर्ष 2019 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा हुई है।।                                               ज्ञात हो कि नोबेल पुरस्कार प्रत्येक वर्ष स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम में नोबेल फाउंडेशन द्वारा दिए जाते है। अभी तक 15 महिलाओं को नोबेल साहित्य पुरस्कार मिल चुका है, 2018 में बोर्ड में विवाद के कारण किसी नोबल पुरस्कार नहीं दिए गए थे।          ओल्गा तोकार्जुक----- 1962 में पोलैंड में जन्मी ओल्गा तोकार्जुक उपन्यासों, कहानियों और निबन्ध संग्रहों के साथ साथ  एक राजनीतिक कार्यकर्त्ता और पर्यावरणविद के रूप में जानी जाती हैं। इन्होंने अपने साहित्यिक रचनाओं को मुख्यता पोलिश भाषा में  ही लिखा है।           इन्हो...