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Showing posts from July 2, 2021

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

जोगीमारा की गुफा और चित्र

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  जोगीमारा  की गुफा:- जोगीमारा की गुफाएं छत्तीसगढ़ राज्य के वर्तमान अम्बिकापुर जिले (पुराना नाम सरगुजा  जिला) में स्थित है, गुुफ़ा नर्मदा के उद्गम स्थल में "अमरनाथ" नामक जगह पर है और अमरनाथ नामक यह जगह रामगढ़ नामक पहाड़ी पर स्थित है साथ में अमरनाथ नामक यह जगह एक तीर्थ स्थल है। यहां पर पहुंचने के लिए हाँथी की सवारी करनी पड़ती है क्योंकि उबड़ खाबड़ जगह है। जोगीमारा गुफ़ा के पास एक अन्य गुफा भी है ये सीता बोगड़ा या फिर सीतालँगड़ा गुफ़ा के नाम से जानी जाती है। यह गुफा प्राचीन काल मे एक प्रेक्षागृह या नाट्यशाला थी,जिसमें     सुतनिका नामक गणिका या देवदासी रहती थी।     बाद में इस गुफा से प्राप्त विषयों का अध्ययन  और यहां से प्राप्त लेख के अध्ययन के  बाद ये पता चलता है कि ये वरुण देवता का मंदिर था और इस मंदिर में देवता के पूजन पाठ सेवा के लिए सुतनिका नामक देवदासी रहती थी। इन गुफा चित्रों में जैन धर्म का प्रभाव दिखता है। उन चित्रों में कुछ लेख तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के हैं और कुछ बाद के लेख हैं।   इन चित्रों का समय 300 ईसा पूर्व इन चित्रों के कुछ ...