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Showing posts from January 8, 2022

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

सोमनाथ होर भारत के प्रिंटमकेर और मूर्तिकार की जीवनी

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सोमनाथ होर भारत के  प्रिंटमकेर और की जीवनी हिंदी में  Biography of Somnath Hore Indian Printmaker& Sculpturist सोमनाथ होरे प्रिंटमेकर की जीवनी--   सोमनाथ और भारत के मूर्तिकार तथा प्रिंटमेकर थे     इनके स्केच इनके द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रिंट तथा अनेक मूर्तियाँ  जो इन्होंने बनाई है  इसमें  एक  बंगाल में बीसवीं शताब्दी में हुए ऐतिहासिक क्राइसिस को प्रदर्शित करती हैं जैसे 1943 हुए बंगाल का दुर्भिक्ष और बाद में हुए तेभागा आंदोलन  सोमनाथ होर जी को  प्रिंट मेकिंग तथा मूर्तिकला में अहम योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पदम विभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया  है। सोमनाथ होर भारत के प्रिंटमकेर और मूर्तिकार की जीवनी प्रारंभिक जीवन--- सोमनाथ होर का जन्म 1921 में चटगांव बांग्लादेश में हुआ है और जब वह बहुत छोटे थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी और उनकी शिक्षा-दीक्षा उनके चाचा के द्वारा हुई जब वह युवा थे तभी वह कम्युनिस्ट पार्टी से प्रभावित हो गए और उस पार्टी के सदस्य बन गए उनकी प्रारंभिक कला में समाजवादी विचारधारा ...