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Showing posts from March 24, 2020

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जीवनी हिंदी में Dheerendra Krishna Shastri Biography Hindi me

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  Dheerendra Krishna Shastri का नाम  सन 2023 में तब भारत मे और पूरे विश्व मे विख्यात हुआ जब  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा नागपुर में कथावाचन का कार्यक्रम हो रहा था इस दौरान महाराष्ट्र की एक संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव उनके द्वारा किये जाने वाले चमत्कारों को अंधविश्वास बताया और उनके कार्यो को समाज मे अंधविश्वास बढ़ाने का आरोप लगाया। लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी संबोधित करते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चमत्कारी शक्तियों के कारण लोंगो के बीच ये बात प्रचलित है कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी के अवतार हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन (Childhood of Dhirendra Shastri)  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म मध्यप्रदेश के जिले छतरपुर के ग्राम गढ़ा में 4 जुलाई 1996 में हिन्दु  सरयूपारीण ब्राम्हण परिवार  में हुआ था , इनका गोत्र गर्ग है और ये सरयूपारीण ब्राम्हण है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है व माता का नाम सरोज गर्ग है जो एक गृहणी है।धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक छोटा भाई भी है व एक छोटी बहन भी है।छोटे भाई का न

सिंधु सभ्यता की विशेषतायें क्या थीं

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  सिंधु सभ्यता  की विशेषतायें --- हड़प्पा  सभ्यता अपने समकालीन सभ्यताओं मेसोपोटामिया की सभ्यता और मिस्र की  सभ्यताओं से अलग विशेषतायें थीं।  सिंधु सभ्यता का विस्तार-         इस सभ्यता का विस्तार व्यापक था ,ये सभ्यता उत्तर में जम्मू के मांडा तक विस्तृत थी तो दक्षिण में नर्मदा नदी  तट तक      विस्तृत थी   ,उसी तरह पूर्व में आलमगीरपुर स्थल से पश्चिम में बलूचिस्तान तक सुत्कागेंडोर और सोतकाकोह तक विस्तृत थी ।    इस सभ्यता की महत्वपूर्ण विशेषता ये नगरीय सभ्यता थी , सिंधु युगीन  स्थलों की सूची 1450 के आसपास है जिनमे कुछ नगरीय थे और कुछ ग्रामीण भी थे।  सिंधु सभ्यता का नगरीय जीवन की विशेषताऐं-- यदि हम ग्रामीण और नगरीय जीवन में विभेद करें तो पाते है कि कुछ तत्व जो नगरीय जीवन में पाये जाते हैं वो ग्रामीण जीवन में नहीं पाये जाते , सामान्यता ग्रामीण बस्ती का आकार छोटा होता है जो पांच से आठ दस हेक्टयर तक होती हैं जबकि नगरों का विस्तार 20 हेक्टयर से अधिक होता है यदि हम सैंधव कालीन बस्तियों के बारे में  अध्ययन   करें तो पाते हैं की इनका विस्तार 60 से 100 हेक्टेयर  के बीच या उससे भी ज़्याद