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Showing posts from January 5, 2022

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जीवनी हिंदी में Dheerendra Krishna Shastri Biography Hindi me

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  Dheerendra Krishna Shastri का नाम  सन 2023 में तब भारत मे और पूरे विश्व मे विख्यात हुआ जब  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा नागपुर में कथावाचन का कार्यक्रम हो रहा था इस दौरान महाराष्ट्र की एक संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव उनके द्वारा किये जाने वाले चमत्कारों को अंधविश्वास बताया और उनके कार्यो को समाज मे अंधविश्वास बढ़ाने का आरोप लगाया। लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी संबोधित करते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चमत्कारी शक्तियों के कारण लोंगो के बीच ये बात प्रचलित है कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी के अवतार हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन (Childhood of Dhirendra Shastri)  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म मध्यप्रदेश के जिले छतरपुर के ग्राम गढ़ा में 4 जुलाई 1996 में हिन्दु  सरयूपारीण ब्राम्हण परिवार  में हुआ था , इनका गोत्र गर्ग है और ये सरयूपारीण ब्राम्हण है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है व माता का नाम सरोज गर्ग है जो एक गृहणी है।धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक छोटा भाई भी है व एक छोटी बहन भी है।छोटे भाई का न

Vikas bhattacharjee|विकास भट्टाचार्जी आर्टिस्ट की जीवनी

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                  चित्रकार विकास भट्टाचार्जी की जीवनी -  ( Biography of Artist  Vikas Bhattacharjee)                           विकास भट्टाचार्जी चित्रकार  की जीवनी हिंदी में--              ।21 जून 1940 से 18 दिसंबर 2006। बिकास भट्टाचार्जी (21 जून 1940 - 18 दिसंबर 2006) पश्चिम बंगाल के कोलकाता के एक भारतीय चित्रकार थे।  अपने चित्रों के माध्यम से, उन्होंने औसत मध्यवर्गीय बंगाली के जीवन को चित्रित किया - उनकी आकांक्षाओं, अंधविश्वासों, पाखंड और भ्रष्टाचार को चित्रित किया  और यहां तक ​​कि कोलकाता  में तथा उसके आसपास में जो हिंसा होती है उसको चित्रित किया ,  उन्होंने तेल, एक्रेलिक, वाटर-कलर, कॉन्टे और कोलाज में काम किया।        2003 में, उन्हें ललित कला अकादमी, भारत की राष्ट्रीय कला अकादमी, ललित कला अकादमी फैलोशिप के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जन्म और शिक्षा --( Birth and Education) विकास भट्टाचार्यजी का जन्म 21 जून 1940 को कोलकाता में हुआ था जब  विकास भट्टाचार्यजी बहुत छोटे थे तभी उनके पिता की असामयिक मृत्यु हो गई थी इसके कारण उनका जीवन बचपन से संघर्ष और अभाव में ही बीता जिसका