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Showing posts from October 30, 2019

ए ए अलमेलकर ( A.A Almelkar) की जीवनी एक भारतीय चित्रकला परंपरा के सजग संरक्षक

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  ए. ए. अलमेलकर (A. A. Almelkar) की जीवनी — एक भारतीय चित्रकला परंपरा के सजग संरक्षक परिचय ए. ए. अलमेलकर (A. A. Almelkar) भारतीय कला-जगत की एक ऐसी विलक्षण प्रतिभा थे, जिन्होंने पारंपरिक भारतीय चित्रशैली को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए एक विशिष्ट शैली का विकास किया। उन्होंने भारतीय जीवन, संस्कृति और लोक परंपराओं को अपनी कला का केंद्र बनाया और एक गहरी भारतीयता से भरपूर चित्रशैली को जन्म दिया। प्रारंभिक जीवन पूरा नाम : अरुणा अनंतराव अलमेलकर जन्म :  10 अक्टूबर, 1920  में शोलापुर  महाराष्ट्र में मृत्यु : 1982 में अलमेलकर का जन्म एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें चित्रकला में थी, और सात साल की छोटी सी उम्र  से ही चित्रकारी शुरू कर दी ,इसी रुचि ने उन्हें आगे चलकर भारत के प्रमुख कलाकारों में शामिल किया। शिक्षा : अपने समकालीनों से अलग उन्होंने कम उम्र में ही चित्रकारी शुरू कर दी और खुद की एक अलग कला शैली विकसित की । उनकी चित्रकला शैली अपने समकालीन कलाकारों से कहीं ज्यादा पारंपरिक थे ,उनकी  शैली में लघु चित्र कला का ज्यादा ...

The paleolithic Age|Old Stone Age|पुरापाषाण युग

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             The paleolithic Age|Old Stone Age|पुरापाषाण युग              :पुरापाषाण युग: मनुष्य अपने जीवन का सबसे लंबा समय इसी युग के अन्तर्गत व्यतीत किया ,वह लगातार प्रकृति से संघर्ष करता रहा , जाड़ा , गर्मी ,बरसात ,सभी मे वह अपने जीवन को बचाने के उपाए खोजता रहा ।  इस युग के मानव  का जीवन  हिम युग मे बीता , इस  युग मे  उसने क्रमशः प्रगति द्वारा उसने कई पाषाण उपकरण बनाये। जो आज उत्खनन से प्राप्त होते हैं , जिनके आधार पर  पुरातत्वविदों नें पुरा पाषाण काल को निम्न आधार पर वर्गीकृत करके मानव सभ्यता का विकास वर्णित किया है। (पुरा पाषाण काल का मानव अग्नि प्रज्ज्वलित करते हुए)  निम्न या पूर्व पूरा- पाषाण काल  (Lower Paleolithic Age)----  इस युग में मानव का जीवन अस्थिर  था , मानव प्रारम्भ में समूह में शिकार करके भोजन का इंतजामात करता था , इस युग मे ही मनुष्य ने कुछ दिन बाद अग्नि का अविष्कार किया और गुफाओं में रहने लगा ,आखेट करने के लिए उसने पत्थरों के टुकड़ों का इस्तेम...