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Showing posts from July 2, 2019

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जीवनी हिंदी में Dheerendra Krishna Shastri Biography Hindi me

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  Dheerendra Krishna Shastri का नाम  सन 2023 में तब भारत मे और पूरे विश्व मे विख्यात हुआ जब  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा नागपुर में कथावाचन का कार्यक्रम हो रहा था इस दौरान महाराष्ट्र की एक संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव उनके द्वारा किये जाने वाले चमत्कारों को अंधविश्वास बताया और उनके कार्यो को समाज मे अंधविश्वास बढ़ाने का आरोप लगाया। लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी संबोधित करते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चमत्कारी शक्तियों के कारण लोंगो के बीच ये बात प्रचलित है कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी के अवतार हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन (Childhood of Dhirendra Shastri)  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म मध्यप्रदेश के जिले छतरपुर के ग्राम गढ़ा में 4 जुलाई 1996 में हिन्दु  सरयूपारीण ब्राम्हण परिवार  में हुआ था , इनका गोत्र गर्ग है और ये सरयूपारीण ब्राम्हण है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है व माता का नाम सरोज गर्ग है जो एक गृहणी है।धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक छोटा भाई भी है व एक छोटी बहन भी है।छोटे भाई का न

Pipal ke pend se 24 hour oxygen kaise?

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       Pipal ke pend se 24 hour oxygen kaise?  पीपल के पेड़ से 24 ऑवर ऑक्सीजन  कैसे निकलती है?                              पीपल रात को भी ऑक्सीजन कैसे छोड़ता है!!    पीपल  24 घण्टे ऑक्सीजन छोड़ता है    !!    पीपल का पेड़ कैसे 24 ऑवर ऑक्सीजन छोड़ता है जबकि अन्य पेंड तो सिर्फ दिन में ही ऑक्सीजन छोड़ते हैं ,रात को कॉर्बन डाई ऑक्साइड को छोड़ते हैं ,ये बात आप सब जानते है  , तो इस गूढ़ प्रश्न को समझने के लिए हमे पौधों के भोजन बनाने वाली प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण को समझना होगा जिस प्रक्रिया से पौधे सूर्य की उपस्थित में भोजन का निर्माण करते हैं। प्रकाश संश्लेषण भी तीन प्रकार का होता है ,इसमे पत्तियों के निचली सतह पर छोटे छोटे छिद्र होते है जिन्हें स्टोमेटा कहते हैं ।              :: प्रकाश संश्लेषण के प्रकार ::                     प्रकाश संश्लेषण की क्रिया तीन तरह की होती है पहली C3 दूसरी C4 तीसरी CAM प्रकार की ।  "CAM"  का वैज्ञानिक भाषा मे "क्रासुलेसियन पाथवे" कहा जाता है।              पहले प्रकार में सामान्य पौधे आते है जो इस विधि से प्रकाश संश्लेषण करते है    ।