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Showing posts from February 12, 2021

Jai Vijay sachan comedian। जय विजय सचान कॉमेडियन।Biography

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  जय विजय सचान (Jai Vijay Sachan) कॉमेडियन  जयविजय सचान : जयविजय सचान कॉमेडियन का जन्म उत्तरप्रदेश के हमीरपुर जिले में राठ  कस्बे में हुआ था,जयविजय सचान के पिता रणधीर सचान एक व्यापारी हैं  इनका पूरा नाम जयविजय सिंह सचान है ,जयविजय सचान की माता का नाम संगीता सचान एक ग्रहणी हैं,जयविजय के एक भाई थे जो आपथैलमोलॉजिस्ट थे जिनकी मृत्यु 2017 में एक रोड एक्सीडेंट में हो गई और बहन भी जिनका नाम अलका निरंजन है। जयविजय की हाइट 175 सेंटीमीटर है यानी 5 फीट 9 इंच है।       जयविजय  सचान की प्रारंभिक शिक्षा हमीरपुर जिला के एस.वी.एम.(सरस्वती विद्या मंदिर) इंटर कॉलेज में हुई थी इन्होंने B.A. राजनीतिशास्त्र में और एम.ए.(M.A.)यूरोपियन पॉलिटिक्स बुंदेलखंड विश्विद्यालय से किया  उसके बाद एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ से मास्टर इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन (2009) में किया।          जयविजय सचान भारत में एक चर्चित मिमिक्री आर्टिस्ट हैं ,जो करीब दो सौ फिल्मी और गैर फिल्मी लोगों की आवाज की हुबहू नकल करने नाटकीय प्रस्तुति करण में एक्सपर्ट हैं।वह बच...

हड़प्पा या सैन्धव संस्कृति: सम्पूर्ण तथ्य में 100 facts

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हड़प्पा सभ्यता या सैन्धव के सम्पूर्ण तथ्य ----- आज हम पूरी हड़प्पा सभ्यता   को बिंदुवार, तथ्यों से समझने की कोशिश करतें हैं। हड़प्पा संस्कृति का नामकरण हड़प्पा स्थल के कारण हुआ है क्योंकि इस जगह से अत्यधिक पुरातत्व सामग्री प्राप्त हुई है हड़प्पा युगीन कांस्य युगीन सभ्यता है। हड़प्पा सभ्यता का पूरा क्षेत्रफल 1,22,99,600 वर्ग किलोमीटर है। हड़प्पा सभ्यता त्रिभुज के आकार की है। हड़प्पा सभ्यता के अंतर्गत पंजाब सिंधु ,बलूचिस्तान,अफगानिस्तान,कश्मीर,राजस्थान ,गुजरात ,हरियाणा और पश्चिम उत्तरप्रदेश के भाग आते हैं। रेडियो कार्बन विधि से हड़प्पा सभ्यता की तिथि2300-1750 ईसा पूर्व माना जाता है। इस सभ्यता का विकसित काल 2500 से 2200 ईसा पूर्व माना जाता है। सबसे पहले जान मार्शल महोदय ने हड़प्पा सभ्यता को सिंधु सभ्यता का नाम दिया । विद्वान के अनुसार इस सभ्यता के निर्माण में सुमेरियन सभ्यता के लोगों ने योगदान दिया। मार्टिमन व्हीलर के अनुसार हड़प्पा सभ्यता की प्रेरणा मेसोपोटामिया से प्राप्त हुई। अमलानंद घोष के अनुसार हड़प्पा सभ्यता के विकास में स्थानीय सोथी संस्कृति का योगदान था। राखाल दास बनर्जी के अनुसार इस सभ्...