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Showing posts from April 15, 2025

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

सद्गुरु की जीवनी: एक आधुनिक योगी की प्रेरणादायक कहानी | Sadhguru Biography in Hindi

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🌟 सद्गुरु की जीवनी: एक आधुनिक योगी  की आत्मकथा प्रस्तावना क्या आपने कभी सोचा है कि एक आधुनिक युवा, जो जंगलों में घूमना पसंद करता हो, जो मोटरसाइकिलों का दीवाना हो और जिसे अंग्रेज़ी साहित्य पढ़ना भाता हो—वही व्यक्ति एक दिन करोड़ों लोगों का आध्यात्मिक गुरु बन जाएगा? हम बात कर रहे हैं जग्गी वासुदेव , जिन्हें आज दुनिया "सद्गुरु" के नाम से जानती है। यह लेख न केवल सद्गुरु के जीवन की झलकियाँ प्रस्तुत करता है, बल्कि उनके दर्शन, सामाजिक योगदान और वैश्विक प्रभाव को भी आपके सामने लाता है। सद्गुरु का ध्यान करते हुए चित्र 1. प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि जन्म: 3 सितंबर 1957 स्थान: मैसूर, कर्नाटक पूरा नाम: जगदीश वासुदेव पिता: डॉ. वासुदेव (भारतीय रेलवे के चिकित्सक) माता: श्रीमती सुशीला (गृहिणी) जग्गी का बचपन पारंपरिक और स्वतंत्रता से भरा हुआ था। वे बचपन से ही प्रकृति के करीब थे। जब दूसरे बच्चे खिलौनों में उलझे रहते थे, तब जग्गी साँपों और जंगलों में समय बिताते थे। उन्होंने कभी किसी विचारधारा को आँख मूंदकर स्वीकार नहीं किया। जिज्ञासा उनकी सबसे बड़ी विशेषता थी। 2. शिक्षा और ...