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Showing posts from April 9, 2025

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

क्या अलग-अलग प्रजातियों के जीव आपस में गुण बाँट सकते हैं? — एक विज्ञान विद्यार्थी की खोज यात्रा

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  🌿 क्या अलग-अलग प्रजातियों के जीव आपस में गुण बाँट सकते हैं? — एक विज्ञान विद्यार्थी की खोज यात्रा लेखक: एक विज्ञान-प्रेमी विद्यार्थी 🧬 बायोडायवर्सिटी (Biodiversity) क्या है? बायोडायवर्सिटी का मतलब है किसी क्षेत्र में पाए जाने वाले सभी प्रकार के जीव-जंतु, पेड़-पौधे, सूक्ष्मजीव और उनके पारस्परिक संबंध। यह जैव विविधता किसी क्षेत्र की प्राकृतिक स्थिरता (Ecological Stability) और जीवों के विकासक्रम (Evolutionary Progress) की गहराई को दर्शाती है। उदाहरण के लिए: एक जंगल में बाघ, तेंदुआ, बंदर, तोता, कौआ, साँप, पेड़, झाड़ियाँ — सभी मिलकर एक जैविक नेटवर्क बनाते हैं। 🧠 हर नस्ल का जीव अलग कैसे होता है? हर जीव की नस्ल (species) अपने डीएनए (DNA) के आधार पर अलग होती है। भले ही वे एक जैसे दिखें या एक ही जगह रहते हों, लेकिन: उनके प्रजनन की क्षमता अलग होती है व्यवहारिक पैटर्न अलग होता है भोजन और जीवनशैली अलग होती है 🔬 वैज्ञानिक भाषा में: "Species वे जीव होते हैं जो आपस में प्रजनन कर सकें और अगली पीढ़ी को जन्म दे सकें।" 🔄 क्रमिक विकास (Evolution) और...

ब्रॉक जेफरी पियर्स: 16 की उम्र में एक्टिंग छोड़ी, फिर संघर्ष कर बना 944 करोड़ का क्रिप्टो किंग

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  ब्रॉक जेफरी पियर्स: 16 की उम्र में एक्टिंग  छोड़ी, फिर संघर्ष कर बना 944 करोड़ का  क्रिप्टो किंग "जिंदगी का असली मजा तब है जब आप अपनी सीमाओं को चुनौती दें और अपनी नई पहचान खुद गढ़ें।" – ब्रॉक जेफरी पियर्स एक चाइल्ड स्टार की चमकदार शुरुआत ब्रॉक जेफरी पियर्स का जन्म 1977 में अमेरिका के मिनेसोटा में हुआ। उन्होंने महज़ 11 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत टीवी कमर्शियल्स से की। जल्द ही उन्हें हॉलीवुड की चर्चित फ़िल्म द माइटी डक्स (The Mighty Ducks) में बाल कलाकार के रूप में एक प्रमुख भूमिका मिली। उनके अभिनय को काफी सराहना मिली और वे इस फ्रेंचाइज़ी की अगली फिल्मों में भी नजर आए। इसके बाद उन्होंने लिटिल बिग लीग , प्रॉब्लम चाइल्ड 3 , थ्री विशेज और द राइड जैसी फिल्मों में काम किया। उनकी आखिरी फिल्म द राइड साल 1997 में रिलीज़ हुई थी, जब वे मात्र 16 साल के थे। इसके बाद उन्होंने चुपचाप एक्टिंग से संन्यास ले लिया और शिक्षा पर ध्यान देने का फैसला किया। सपनों से नहीं, संघर्ष से बनती है पहचान जहां ज्यादातर चाइल्ड आर्टिस्ट्स की चमक वक्त के साथ फीकी पड़ जाती है, वहीं ब्र...