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Showing posts from January 9, 2022

केमिकल सेक्टर में निवेश की पीड़ा और संभावना: एक निवेशक की सीख और वैश्विक विश्लेषण"

"केमिकल सेक्टर में निवेश की पीड़ा और संभावना: एक निवेशक की सीख और वैश्विक विश्लेषण" भूमिका: जब आँकड़े से ज़्यादा भावनाएं बोलती हैं 15 नवंबर 2023 को जब मैंने UPL के 14 शेयर ₹678 प्रति शेयर की दर से खरीदे, तब मन में आशा थी—परिणाम मिला निराशा। दो साल तक घाटा सहना पड़ा, शेयर ₹400 तक गिरा, और धैर्य की परीक्षा होती रही। आरती इंडस्ट्रीज़ में निवेश किया तो ₹735 पर खरीदकर देखते ही देखते शेयर ₹437 तक लुढ़क गया। ₹29,000 का घाटा झेलना आसान नहीं था। सुदर्शन केमिकल भी मेरे भरोसे को नहीं सहेज सका—₹1218 की खरीद, और अप्रैल 2025 तक सिर्फ ₹1081। पर क्या सिर्फ मेरे फैसले गलत थे? या कुछ बड़ा, वैश्विक खेल भी चल रहा था? केमिकल सेक्टर क्यों गिरा? वैश्विक और घरेलू कारणों की पड़ताल 1. चीन की नीतियाँ और वैश्विक डंपिंग का खेल चीन विश्व का सबसे बड़ा केमिकल निर्यातक है। वह सरकार से सब्सिडी लेकर सस्ते में केमिकल बनाता है और फिर उन्हें दुनिया भर के बाजारों में डंप करता है – मतलब लागत से भी कम दाम पर बेचता है। दक्षिण अमेरिका , अफ्रीका , और यूरोप के कई छोटे देशों में उसने भारतीय उत्पादों की मा...

कृष्णा रेड्डी (Krishna Reddy)भारत के प्रिंटमकेर आर्टिस्ट की जीवनी

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कृष्णारेड्डी(KrishnaReddy)भारत के प्रिंटमकेर आर्टिस्ट की जीवनी-- Krishna Reddi Indian Printmaker/Artist Biography in Hindi कृष्णा रेड्डी भारत के सुप्रसिद्ध मास्टर प्रिंटमेंकर व मूर्तिकार और अध्यापक थे इंटैग्लियो प्रिंट मेकिंग में सिद्धहस्त थे और उन्होंने प्रिंट मेकिंग में एक नई तकनीक का विकास किया जिसको विस्कोसिटी प्रिंटिंग के नाम से जाना जाता है। प्रारंभिक जीवन---   कृष्णा रेड्डी (Krishna Reddy) का जन्म 15 जुलाई 1925 को आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित नंदनूर नामक गाँव मे हुआ था।  कृष्णा रेड्डी ने विश्वभारती विश्वविद्यालय के कला भवन में नंदलाल बोस के साथ शिक्षा ली ,इन्होंने विश्वभारती विश्विद्यालय के कलाभवन में 1941 से 1946 तक कला विषय का अध्ययन किया और अंततः कला में स्नातक की उपाधि ग्रहण की। 1947 से 1949 तक वह कला क्षेत्र फाउंडेशन के कला विभाग में हेड ऑफ डिपार्टमेंट रहे ,इसके अलावा वह मोंटेसरी टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर मद्रास में अध्यापन किया और यहीं पर उन्होंने मूर्तिकला में रुचि लेना प्रारम्भ किया। 1949 में वह लंदन चले गए वहां पर वह यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के  स्ले...